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BUDDHA ACADEMY TIKAMGARH (MP) || ☺ || ༺•|✤ आपकी सफलता हमारा ध्येय ✤|•༻
created Jun 23rd, 03:36 by typing guru
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एक जंगल में एक शेर का परिवार रहता था। परिवार में शेर, शेरनी और उनका बच्चा था। पूरा परिवार बड़े आराम से जंगल में रहता था और जंगल में राज करता था। एक दिन वो तीनों जंगल में घूमने निकले रास्ते में उन्हें एक मादा भेडिया मरी हुई पड़ी मिली। शायद किसी ने अभी अभी शिकार किया हो, और उसके साथ एक छोटा सा बच्चा भी था जो अभी मुश्किल से एक दो माह का था। बच्चा अपनी मरी हुई मां का दूध पी रहा था। ये दृश्य देखकर शेरनी को उस भेडिये के बच्चे पर बहुत दया आ गयी और शेर से बोली कि ये बच्चा इतना छोटा है और इसकी मां भी मर चुकी है। ये इस जंगल में कैसे बच पायेगा, कोई ना कोई शिकारी इसे मार देगा या फिर ये खुद भूख से ही मर जायेगा। अगर आप बुना ना माने तो क्या हम इस बच्चे को साथ ले जा सकते हैं। ये सुनकर शेर थोड़ा उलझन में पड़ गया और बोला कि हम शेर हैं और ये भेडिया, इसे हम कैसे साथ ले जा सकते हैं जंगल के लोग क्या कहेंगे। शेर का जवाब सुनकर शेरनी बोली आप तो जंगल के राजा हैं, आप का काम प्रजा की देखभाल करना है और फिर ये तो मासूम सा बच्चा है। एक काम करते हैं, अभी इसे साथ ले चलते हैं, जब ये थोड़ा बड़ा हो जायेगा तो ये खुद अपने झुण्ड में चला जायेगा। ये सुनकर शेर ने शेरनी की बात मान ली और उस भेडिये के बच्चे को लेकर अपने घर चल दिये।
भेडिये का बच्चा अब शेर परिवार के साथ रहने लगा। वो शेर के बच्चे के साथ खेलता और शेर शेरनी भी उसे अपने बच्चे के जैसे प्यार करने लगे। शेरनी दोनों बच्चों को साथ दूध पिलाती, और दोनों को अपने बच्चे की तरह प्यार करती। काफी समय बीत गया, बच्चे भी अब थोड़े बड़े हो गये, दोनों साथ-साथ शेर से शिकार करना सीखने लगे शेर भी दोनों को शिकार करने के नए नए पेंतरे सिखाने लगा। दोनों बच्चों में एक ही अंतर था, शेर का बच्चा दहाड़ मारता था और भेडिये का बच्चा हू हू करता था। जब बच्चे और भी बड़े हो गए तो एक दिन शेर ने शेरनी से कहा, कि चलो अब इस बच्चे को भेडिये के झुण्ड में छोड़ आते हैं, अब ये बड़ा हो गया है। लेकिन शेरनी को अब बच्चे से बहुत प्यार हो गया था, वो उसे अपने बच्चे की तरह प्यार करने लगी थी। शेरनी ने शेर की बातों से असहमतता जताते हुए कहा, नहीं अब ये हमारा ही बेटा है। अब ये हमारे साथ ही रहेगा। शेर ने भी शेरनी की बात को मान लिया। काफी समय गुजर गया। पूरा परिवार बड़े आराम से अपना समय बिता रहा था। एक दिन चारो जंगल में घूमने निकले, वहां रास्ते में किसी शिकारी ने जाल बिछा रखा था। किसी को वो जाल नहीं दिखा और चारो जाल में फंस गए। चारों ने खूब कोशिश की निकलने की लेकिन कामयाब नहीं हो जाए, वो जितना कोशिश करते उतना ही ज्यादा फंसते जाते।
भेडिये का बच्चा अब शेर परिवार के साथ रहने लगा। वो शेर के बच्चे के साथ खेलता और शेर शेरनी भी उसे अपने बच्चे के जैसे प्यार करने लगे। शेरनी दोनों बच्चों को साथ दूध पिलाती, और दोनों को अपने बच्चे की तरह प्यार करती। काफी समय बीत गया, बच्चे भी अब थोड़े बड़े हो गये, दोनों साथ-साथ शेर से शिकार करना सीखने लगे शेर भी दोनों को शिकार करने के नए नए पेंतरे सिखाने लगा। दोनों बच्चों में एक ही अंतर था, शेर का बच्चा दहाड़ मारता था और भेडिये का बच्चा हू हू करता था। जब बच्चे और भी बड़े हो गए तो एक दिन शेर ने शेरनी से कहा, कि चलो अब इस बच्चे को भेडिये के झुण्ड में छोड़ आते हैं, अब ये बड़ा हो गया है। लेकिन शेरनी को अब बच्चे से बहुत प्यार हो गया था, वो उसे अपने बच्चे की तरह प्यार करने लगी थी। शेरनी ने शेर की बातों से असहमतता जताते हुए कहा, नहीं अब ये हमारा ही बेटा है। अब ये हमारे साथ ही रहेगा। शेर ने भी शेरनी की बात को मान लिया। काफी समय गुजर गया। पूरा परिवार बड़े आराम से अपना समय बिता रहा था। एक दिन चारो जंगल में घूमने निकले, वहां रास्ते में किसी शिकारी ने जाल बिछा रखा था। किसी को वो जाल नहीं दिखा और चारो जाल में फंस गए। चारों ने खूब कोशिश की निकलने की लेकिन कामयाब नहीं हो जाए, वो जितना कोशिश करते उतना ही ज्यादा फंसते जाते।
