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BUDDHA ACADEMY TIKAMGARH (MP) || ☺ || ༺•|✤ आपकी सफलता हमारा ध्‍येय ✤|•༻

created May 24th 2022, 11:22 by Buddha academy


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यह बात उस समय की है जब कृष्‍ण नन्‍हें से बालक थे। वह अपने नंद बाबा की गाय-भैंसों को चराया करते थे। उस समय बाल कृष्‍ण का मामा कंस हमेशा उन्‍हें मारने की कोशिश में लगा रहता था। एक बार कंस ने बाल कृष्‍ण को मारने के लिए अरिष्‍टासुर नाम के एक राक्षस को भेजा। अरिष्‍टासुर, श्री कृष्‍ण की ताकत को जानता था, इसलिए उसने श्री कृष्‍ण को मारने के लिए अलग तरीका अपनाया।
    अरिष्‍टासुर ने गाय के बछड़े का रूप बनाया और गाय के झुंड में शामिल हो गया। झुंड में शामिल होकर वह कृष्‍ण को मारने का मौका देखने लगा। जब उसे श्री कृष्‍ण पर वार करने का कोई मौका नहीं मिला, तो उसने कृष्‍ण के दोस्‍तों को मारना शुरू कर दिया। जब श्री कृष्‍ण ने अपने बाल सखाओं की यह हालत देखी, तो उन्‍हें पता चल गया कि यह किसी राक्षस का काम है। फिर क्‍या था, भगवान श्री कृष्‍ण, ने गाय रूपी अरिष्‍टासुर की टांग पकड़कर उसे जमीन पर पटक दिया, जिससे उसकी मौत हो गई। जब राधा रानी को इस घटना के बारे में पता चला, तो उन्‍होंने कहा, कन्‍हा तुमने गोहत्‍या की है, जो घोर पाप है। इस पाप से मुक्ति पाने के लिए तुम्‍हें सारे तीर्थों की यात्रा करनी होगी, श्री कृष्‍ण को राधा की बात सही लगी, लेकिन सभी तीर्थों की यात्रा तो मुमकिन नहीं थी। इस समस्‍या का समाधान पाने के लिए श्री कृष्‍ण नारद मुनि के के पास पहुंचे। नारद मुनि ने कहा, तुम सब तीर्थों को यह आदेश दो कि पानी के रूप में तुम्‍हारे पास जाएं। फिर तुम उस पानी में स्‍नान कर लेना। इससे तुम्‍हारे ऊपर से गोहत्‍या का पाप उतर जायेगा। श्री कृष्‍ण ने ऐसा ही किया, उन्‍होंने सारे तीर्थों को बृजधाम बुलाया और पानी के रूप में एक कुंड में भर लिया। इस कुंड को उन्‍होंने बांसुरी से खोद कर बनाया था। इस कुंड में स्‍नान करने के बाद श्री कृष्‍ण के ऊपर से गोहत्‍या का पाप उतर गया।
    ऐसा कहा जाता है कि मथुरा से कुछ दूरी पर एक गांव है, जिसका नाम अरिता है। इस गांव में आज भी श्री कृष्‍ण के द्वारा बनाया गया कुंड मौजूद है।

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