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बंसोड कम्प्यूटर टायपिंग इन्स्टीट्यूट छिन्दवाड़ा (म.प्र.) प्रवेश प्रारंभ (CPCT, DCA, PGDCA, & TALLY}
created May 17th, 04:34 by bansod typing
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एक बार, दोपहर की समय एक लोमड़ी बहुत भुकी थी। वह खाने की तलाश में इधर-उधर घूम रहीं थी। लेकिन वह खाना तलाशने में असफल हो गयी। बहुत देर तक घूमने के बाद उस लोमड़ी को कुछ नहीं मिला। तब उसकी नजर पास में एक बाग पर पड़ी। वह बाग बहुत सुंदर और हरीभरी थी। और उस बाग से काफी तेज मीठी सुगंध आ रही थी। लोमड़ी तेजी से अपनी भूक मिटाने के लिए अपने कदम बाग की और बढ़ाने लगी। जैसे ही वह बाग में पहुंची, तो उसकी नजर बाग में मौजूद अंगूर की बेलों पर गया। सभी अंगूर पके हुए थे। अंगूर को देखकर लोमड़ी की आंखे चमक उठी। और उसे एहसास हुआ की उसकी खाने की तलाश अब खत्म होने वाली है। फिर लोमड़ी ने अंगूर खाने के लिए झट से उसे लक्ष बनाए। और उसे तोड़ने के लिए एक लंबी छलांग लगायी। लेकिन उसका पहला प्रयास विफल हुआ। उसने फिरसे प्रयास करने का सोचा, लेकिन इस बार भी वह अंगूर को प्राप्त करने में विफल हुई। दो विफल प्रयासों के बाद लोमड़ी ने एक बार फिर से प्रयास करने की सोची। और वह इस बार अपनी पूरी ताकत लगाकर जोर से छलांग लगाई। लोमड़ी को लगा की इस बार वह सफल हो जाएगी। लेकिन अफसोस लोमड़ी फिर से असफल हुई। अब उसने अंगूर पाने की आस छोड़ दी और अंगूर को खट्टा कहकर वहां से चली आयी। अगर हम सही प्रयासों के बिना कुछ पाने में असमर्थ हैं, तो हमें उस चीज के बारे में गलत नहीं होना चाहिए। आपके पास जो नहीं है, उसे तुच्छ समझना आसान है।
