eng
competition

Text Practice Mode

BUDDHA ACADEMY TIKAMGARH (MP) || ☺ || ༺•|✤ आपकी सफलता हमारा ध्‍येय ✤|•༻

created Today, 11:10 by typing test


0


Rating

537 words
16 completed
00:00
बीरबल को प्राकृति से बहुत प्रेम था। वह ज्‍यादातर वक्‍त खुली हवा में बिताया करते थे। पेड़ पौधों और अपने चारों तरफ हरियाली उन्‍हें बहुत पसंद थी। बीरबल की सबसे पसंदीदा जगह बादशाह अकबर की शाहीन बाग था। इस शाहीन बाग की देख रेख एक मीर नाम का माली करता था। वह स्‍वभाव का बहुत शांत व्‍यक्ति था। जो कि सीधी साधी जिंदगी जीता था। वह अपने और अपने बागों की रखवाली में खुश था। बीरबल मीर के साथ अच्‍छे से बातें किया करते थे और मीर भी बीरबल को काफी पसंद किया करता था। बीरबल और मीर अक्‍सर बागों के फूलों और फलों की दिलचस्‍प बातें हर रोज घण्‍टों किया करते थे। एक दिन बीरबल ने पूछा क्‍या बात है मीर तुम रो क्‍यूं रहे हो, मीर ने बोला कुछ नहीं, बीरबल ने मीर को बोला क्‍या मतलब है कुछ नहीं, दोस्‍त तुम मुझे बताओं तुम्‍हें क्‍या हुआ। मीर ने बोला मै नहीं रो रहा बस ये आंसू रूकने का नाम नहीं ले रहे। बीरबल ने फिर मीर से पूछा अगर तुम अपना मित्र मुझे समझते हो तो अपनी आंसू की वजह मुझे बताओ। मीर ने बोला हुजूर में अपने बुढ़ापे के लिए पैसे बचा रहा था। एक मटके में डालकर इस पैड़ के नीचे छुपा कर रखता आया हूं, मैं यह पैसे बीस साल से जोड़ता आया हूं, हुजूर अब मैं क्‍या करूंगा। आज जब मैं यहां पैसे रखने के लिए खुदाई की तो आज वह मटका यहां नहीं मिला। किसी ने मेरा मटका चुरा लिया हुजूर अब मैं क्‍या करूंगा। बीरबल ने बोला धीरज रखो सब ठीक हो जाएगा। मीर पर तुमने पैसे यहां क्‍यूं इस तरह छूपाकर के रखे। यह पैसे तुम अपने घर पर भी तो रख सकते थे। मीर ने बीरबल को बोला हुजूर मैं अपना ज्‍यादा वक्‍त तो यही इस बाग में गुजारता हूं और मेरी नजर हमेशा इस पेड़ के आस पास रहती है इसलिए मैंने यह पैसे इस पेड़ के नीचे छूपाकर रख दिया था। बीरबल ने बोला किसी को इस जगह के बारे में तुमने बताया है, मीर ने जवाब दिया, नहीं हुजूर मैंने इस जगह के बारे में किसी को नहीं बताया है। बीरबल ने बोला तुम्‍हें किसी ने जरूर यहां पैसे रखते या निकालते देखा होगा वही यह काम कर सकता है। बीरबल ने मीर से पूछा इस बाग में कौन-कौन आता जाता है। क्‍या तुम्‍हें मालूम है। मीर ने उत्‍तर दिया जी हुजूर बादशाह अकबर और उनके कुछ मंत्रियों के अलावा आपका यहां आना जाता होता है और किसी का नहीं। बीरबल ने मीर को कहा तुम मुझे कुछ वक्‍त दो मैं उस चोर को ढूढ़ दूगा तुम परेशान मत हो। बीरबल उसके बाद बहुत सोच विचार कर रहे थे। कि अगर कोई उस पैसे के बारे में नहीं जानता तो उस पेड़ के नीचे खुदाई क्‍यूं करेगा। वह भी कटहल के पेड़ के नीचे उसके बाद बीरबल ने सोचा कोई वेद या हकीम दबाई बनाने के लिए कटहल के पेड़ के नीचे जड़ पाने की वजह से खुदाई कर सकता है। सुबह जब बादशाह अकबर का दरवार लगा तो बीरबल ने बाग में रखे मीर के पैसे चोरी की बात अकबर को बताई और उनसे पैसे ढूढने में मदद मांगी। अकबर बादशाह ने भी बीरबल को पैसे ढूढने की अनुमति दे दी।  

saving score / loading statistics ...