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साँई कम्‍प्‍यूटर टायपिंग इंस्‍टीट्यूट गुलाबरा छिन्‍दवाड़ा (म0प्र0) संचालक:- लकी श्रीवात्री मो0नां. 9098909565

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मतदाता सूचियों को त्रुटिरहित बनाने के मकसद से शुरू किए गए विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) के दौरान बूथ लेवल ऑफिसर बीएलओ की मौतों और उनकी समस्‍याओं पर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जताई है। सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका पेश कर बताया गया था कि काम के अत्‍यधिक दबाव के कारण अलग-अलग राज्‍यों में बीएलओं की मौतें हुई है। नौ राज्‍यों तीन केंद्र शासित प्रदेशों में एसआइआर कार्यक्रम चलाया जा रहा है। शीर्ष अदालत ने काम का बोझ होने पर राज्‍य सरकारों को अतिरिक्‍त कार्मिक उपलब्‍ध कराने की बात कहते हुए यह भी कहा हैं कि सरकारी कर्मचारी एसआइआर समेत दूसरे वैधानिक कार्य करने के लिए बाध्‍य है। हालांकि कोर्ट ने ड्यूटी से छूट मांगने का उचित कारण बताने वाले कार्मिक के प्रार्थना पत्रों पर सरकारों को विचार करने के लिए भी कहा है।  
आरोप यह भी है कि कार्रवाई का डर दिखाकर कार्मिकों पर भारी दबाव बनाया जा रहा है। इन तमाम परेशानियों के बावजूद इस प्रक्रिया मेंं लगे ऐसे कार्मिकों के उदाहरण भी सामने आए हैं जिन्‍होंने निर्धारित समयावधि से पहले ही मतदाता सूचियों के गहन पुनरीक्षण का काम कर लिया। यह मानव स्‍वभाव ही हैं कि काम का दबाव और अनुशासनात्‍मक कार्रवाई का डर किसी को भी विचालित कर सकता है। जब कोई काम युद्धस्‍तर पर तय समयावधि में करना हो तो चुनौती और बढ़ जाती है। अब जब सुप्रीम कोर्ट में मामला चला गया है तो इसके सभी पहलुओं पर बात होगी। अभी कोर्ट ने एसआइआर प्रक्रिया में अतिरिक्‍त स्‍टाफ लगाने के लिए सरकारों को कहा है ताकि काम का बोझ कम हो सके। ऐसे में अब गेंद राज्‍यों के पाले में है। उनके पास दोहरी जिम्‍मेदारी है।  

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