eng
competition

Text Practice Mode

साँई कम्‍प्‍यूटर टायपिंग इंस्‍टीट्यूट गुलाबरा छिन्‍दवाड़ा (म0प्र0) संचालक:- लकी श्रीवात्री मो0नां. 9098909565

created Saturday November 08, 06:50 by lucky shrivatri


1


Rating

545 words
229 completed
00:00
एक गुरू और शिष्‍य जंगल से होते हुए अपने गांव जा रहे होते है अंधेरा काफी हो चूका था। शिष्‍य ने अपने गुरू से कहा की गुरू जी काफी रात हो चुकी है अगर आप कहे तो आज की रात यही आस-पास के किसी गांव में गुजार ले, गुरू जी ने अपना सर हिलाया और वो आस-पास के गांव में एक छोटे से घर के पास जाकर रूके। अब जैसे ही वहा गए तो गुरू जी के शिष्‍य ने दरवाजा ठकठकाया उस घर से गरीब आदमी बाहर आया तो गुरू जी बोला हम अपने गांव जा रहे थे लेकिन काफी रात होने के वजह से हमने इसी गांव में रूकने को सोचा। क्‍या हम आज रात आपके यहां रूक सकते है। गरीब आदमी बोला हा क्‍यों नहीं आप दोनों अंदर जाईये अब जैसे ही गुरू जी अंदर गए उन्‍होंने देखा की आदमी के घर में बहुत ज्‍यादा गरीबी थी। गुरू जी उससे पूछा की आप काम क्‍या करते हो वह गरीब आदमी बोलाकी मेरे पास बहुत सारी जमीन है तो गुरू जी ने बोला अगर तुम्‍हारे पास बहुत जमीन है तो इस तरह से क्‍यों रह रहे हो।  वह आदमी बोला यह किसी काम की नहीं है, गांव वाले बोलते है की ये बंजर जमीन है यहां पर कुछ भी नही उगाई जा सकती है और वहा फसल उगाना बहुत बड़ी बेवकूफी है।  
गुरू जी बोला की तुम्‍हारा गुजारा कैसे होता है उसने बोला की मेरे पास एक भैस है जिससे मेरा पूरा घर चलता है ये सुनने के बाद गुरू जी सो जाते है और रात में जब सब लोग सो रहे होते है तब गुरू जी अपने शिष्‍य को उठाते है और उस गरीब आदमी की भैस लेकर अपने गांव चले जाते है। शिष्‍य अपने गुरू से पूछता है की गुरू जी कही आप ये गलत तो नहीं कर रहे है उस गरीब आदमी की रोजी रोटी इसी भैस की वजह से चलती है तो गुरू जी अपने शिष्‍य की तरफ देखते है और मुस्‍कुराते हुए आगे बढ़ जाते है। उस बात को तकरीबन 10 साल गुजर जाती है और जो गुरू का शिष्‍य था वह बहुत बड़ा गुरू बन  चूका था तो एक दिन उन्‍हें उस गरीब आदमी की याद आती है की मेरे गुरू ने उस आदमी के साथ अच्‍छा नहीं किया था मुझे  एक बार चलकर देखना चाहिए की वह आदमी अब किस परिस्थिति में है। वह शिष्‍य उस गांव की तरफ जाता है वहां जैसे ही पहुंचता है तो वह देखता है की जहां पर उस गरीब आदमी का झोपड़ा था वहा पर एक बड़ा आलीशन महल बन चूका था और उस झोपड़ी के बाहर जो बंजर जमीन थी उस पर फल और फूलो के बगीचे थे। तभी उधर से उस घर का मालिक आता है शिष्‍य उसे पहचान लेता है उस आदमी को बोलता है तुमने मुझे पहचाना मैं अपने गुरू जी के साथ आया था हमने एक रात के लिए आपके यहां रूके भी थे।  वह आदमी उसे पहचान लेता है और बोलता है की उस रात में आप कहा चले गए थे और उस रात के बाद ही मेरी भैस कही चली गयी थी मेरे पास कोई रास्‍ता नहीं था तो मैंने अपने जमीन पर मेहनत की और फसल निकल आयी और आज मैं इस गांव का सबसे बड़ा अमीर आदमी बन चूका हूं।  
 

saving score / loading statistics ...