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शिवपुरी राजीव रामधारी सिंह दिनकर प्रतिलेखन संख्या - 12
created Yesterday, 04:04 by Rajeev Lodhi
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अध्यक्ष महोदय, जिस भावना से मैंने यह बिल पेश किया है उसको विरोधी पक्ष के लगभग सभी सदस्यों ने एकमत से महसूस किया है कि देश में बेकारी की जो समस्या है वह एक भयंकर समस्या है। और जिसके कारण हमारे देश का विकास चाहे वह सामाजिक हो आर्थिक हो या सांस्कृतिक रुका हुआ है और ऐसी स्थिति में हम आगे नहीं बढ़ सकते हैं इसी प्रकार से इस परिस्थिति का निर्माण हम पिछले 54 वर्षों से देख रहे हैं मंत्री महोदय ने यहां पर अभी कहा कि राष्ट्रपति इस काम को नहीं कर सकते हैं क्योंकि वह उनके अधिकार के बाहर है आप राज्यों में राज्यपाल शासन स्थापित करते हैं जब यह देखते हैं कि किसी राज्य में वहां की व्यवस्था वहां का विकास ठीक नहीं हो रहा है जब किसी राज्य में गढबढ़ी फैल रही हो विकास का काम समाप्त हो गया हो और जिम्मेदारी से लोग काम न करते हो तो वहां पर राज्यपाल शासन स्थापित किया जाता है। ऐसे बहुत से उदाहरण हमारे देश में मौजूद हैं उसी प्रकार से हमारे राष्ट्रपति है और अगर देश में इस प्रकार की स्थिति वर्षों तक चले तो कोई कारण नहीं है आपात के रूप में राष्ट्रपति इस देश की सुरक्षा के लिए इस देश की उन्नति के लिए जिम्मेदारी अपने हाथ में न ले सकें। हमारे भाइयों ने बहुत से उदाहरण दिये हैं कि राज्य में संयुक्त सरकारें नहीं चलीं लेकिन उसके पीछे राजनीतिक हथकंडे थे। अगर कोई रानीजिक पार्टी जिम्मेदारी से काम नहीं करती तो विधान में यह स्पष्ट है कि राष्ट्रपति शासन अपने हाथ में लें। मैं एक उदाहरण देता हूँ कि संविधान में आदिवासी हरिजनों के उत्थान के लिए प्रण लिया गया था कि 10 वर्ष में उनकी सामाजिक तथा आर्थिक स्थिति को सुधार देंगे। लेकिन यह सरकार उसमें भी असफल रही है उसको एक बार 10 वर्षं के लिए बढ़ाया गया और दुबारा फिर 10 वर्ष के लिए बढ़ाया गया इसी तरह से उसको बढ़ाते जा रहे हैं लेकिन उनकी आर्थिक और सामाजिक उन्नति आप नहीं कर पाए हैं इस काम में सरकार बिल्कुल असफल हुई है पिछली बार सरकार पर अविश्वास का प्रस्ताव भी आया था और वह पास होने वाला था इसलिए मेरा कहना है कि हमारे देश में जो बेकारी की समस्या है वह एक बहुत ही भयंकर समस्या है।
