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छोटी सी खुशी
created Oct 3rd, 02:55 by xemeleg
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अमन और रिया शहर की भागदौड़ से दूर, अपने दादा-दादी के गाँव आए थे। वहाँ न तो वीडियो गेम्स थे और न ही तेज इंटरनेट। पहले तो उन्हें बहुत बोरियत महसूस हुई।
एक शाम, दादाजी उन्हें पास के खेत पर ले गए। वहाँ सूरज आसमान को नारंगी और गुलाबी रंगों से रंग रहा था। दादीजी ने लकड़ी के चूल्हे पर गरमागरम रोटियाँ और टमाटर की चटनी बनाई।
सबने चटाई बिछाकर, तारों की छाँव में खाना खाया। रिया ने आसमान में सप्तऋषि मंडल देखा, जिसके बारे में दादाजी ने कहानी सुनाई। अमन ने महसूस किया कि यह सादगी और एक-साथ होना, किसी भी गैजेट से ज़्यादा खुशी दे रहा था।
घर लौटते समय, दोनों के चेहरों पर एक नई, शांत मुस्कान थी। उन्होंने जाना कि असली मज़ा तो परिवार के साथ छोटे-छोटे पलों को जीने में है।
एक शाम, दादाजी उन्हें पास के खेत पर ले गए। वहाँ सूरज आसमान को नारंगी और गुलाबी रंगों से रंग रहा था। दादीजी ने लकड़ी के चूल्हे पर गरमागरम रोटियाँ और टमाटर की चटनी बनाई।
सबने चटाई बिछाकर, तारों की छाँव में खाना खाया। रिया ने आसमान में सप्तऋषि मंडल देखा, जिसके बारे में दादाजी ने कहानी सुनाई। अमन ने महसूस किया कि यह सादगी और एक-साथ होना, किसी भी गैजेट से ज़्यादा खुशी दे रहा था।
घर लौटते समय, दोनों के चेहरों पर एक नई, शांत मुस्कान थी। उन्होंने जाना कि असली मज़ा तो परिवार के साथ छोटे-छोटे पलों को जीने में है।
