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पारिवारिक सूरजमुखी
created Oct 1st, 16:48 by xemeleg
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पहाड़ों के बीच एक छोटे से घर में, आठ साल की मीरा अपनी दादी के साथ रहती थी। मीरा को कहानियाँ सुनना और फूलों से बातें करना बहुत पसंद था।
एक दोपहर, खेलते हुए उसने देखा कि बगीचे के कोने में एक छोटा सा सूरजमुखी का पौधा धूप की कमी के कारण झुक गया है। मीरा उदास हो गई और दौड़कर दादी के पास गई।
दादी ने प्यार से कहा, ''हर चीज़ को बढ़ने के लिए सही जगह और थोड़ा ध्यान चाहिए।''
मीरा ने पौधा उठाकर खिड़की के पास रख दिया, जहाँ उसे भरपूर धूप मिली। कुछ ही घंटों में, सूरजमुखी का फूल ऊपर उठ गया और मुस्कुराने लगा। मीरा समझ गई कि किसी को भी नज़र अंदाज़ नहीं करना चाहिए प्यार और सही माहौल हर किसी को खिलने का मौका देता है।
एक दोपहर, खेलते हुए उसने देखा कि बगीचे के कोने में एक छोटा सा सूरजमुखी का पौधा धूप की कमी के कारण झुक गया है। मीरा उदास हो गई और दौड़कर दादी के पास गई।
दादी ने प्यार से कहा, ''हर चीज़ को बढ़ने के लिए सही जगह और थोड़ा ध्यान चाहिए।''
मीरा ने पौधा उठाकर खिड़की के पास रख दिया, जहाँ उसे भरपूर धूप मिली। कुछ ही घंटों में, सूरजमुखी का फूल ऊपर उठ गया और मुस्कुराने लगा। मीरा समझ गई कि किसी को भी नज़र अंदाज़ नहीं करना चाहिए प्यार और सही माहौल हर किसी को खिलने का मौका देता है।
