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श्री बागेश्वर अकेडमी टीकमगढ़ (म.प्र) मों-6232538946 dca, pgdca, cpct (pushpa school ke samne tikamgarh (m.p) cpct नि:शुल्क
created Sep 12th, 04:59 by Nitin tkg
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एक गाँव में एक लड़का रहता था – अर्जुन।
उसका सपना था कि वह एक बड़ा धावक (रनर) बने और देश के लिए ओलंपिक में दौड़े। लेकिन गाँव में ना सही जूते थे, ना ट्रैक, और ना ही कोई कोच। लोग उसका मज़ाक उड़ाते थे,तू किसान का बेटा है, दौड़ का क्या सपना देखता है? पर अर्जुन ने हार नहीं मानी।
हर सुबह वह सूरज निकलने से पहले खेतों के बीच दौड़ता। नंगे पाँव। पत्थरों से पैर छिल जाते, लेकिन वह रुका नहीं। धीरे-धीरे उसकी रफ्तार बढ़ने लगी।
एक दिन शहर से एक कोच गाँव आया, जो दौड़ने वालों की तलाश में था। उसने अर्जुन को दौड़ते देखा और चौंक गया। उसने अर्जुन से कहा: अगर तुम इसी लगन से मेहनत करते रहे, तो एक दिन देश तुम्हारा नाम जानेगा। कोच ने अर्जुन को शहर बुलाया, उसे जूते दिए, डाइट दी, ट्रेनिंग दी। बाकी लोग अब भी हँसते थे, लेकिन अर्जुन अब खुद पर यकीन करने लगा था।
सालों बाद...
वही अर्जुन ओलंपिक के फाइनल में दौड़ रहा था। भीड़ चिल्ला रही थी। और जब वह फ़िनिश लाइन पार कर पहले स्थान पर पहुँचा, तो तिरंगा लहराया गया। मंच पर खड़े होकर उसने सिर्फ एक बात कही: अगर आप ठान लो, तो कोई भी रास्ता लंबा नहीं होता। कदम छोटे हों, पर इरादा बड़ा हो
उसका सपना था कि वह एक बड़ा धावक (रनर) बने और देश के लिए ओलंपिक में दौड़े। लेकिन गाँव में ना सही जूते थे, ना ट्रैक, और ना ही कोई कोच। लोग उसका मज़ाक उड़ाते थे,तू किसान का बेटा है, दौड़ का क्या सपना देखता है? पर अर्जुन ने हार नहीं मानी।
हर सुबह वह सूरज निकलने से पहले खेतों के बीच दौड़ता। नंगे पाँव। पत्थरों से पैर छिल जाते, लेकिन वह रुका नहीं। धीरे-धीरे उसकी रफ्तार बढ़ने लगी।
एक दिन शहर से एक कोच गाँव आया, जो दौड़ने वालों की तलाश में था। उसने अर्जुन को दौड़ते देखा और चौंक गया। उसने अर्जुन से कहा: अगर तुम इसी लगन से मेहनत करते रहे, तो एक दिन देश तुम्हारा नाम जानेगा। कोच ने अर्जुन को शहर बुलाया, उसे जूते दिए, डाइट दी, ट्रेनिंग दी। बाकी लोग अब भी हँसते थे, लेकिन अर्जुन अब खुद पर यकीन करने लगा था।
सालों बाद...
वही अर्जुन ओलंपिक के फाइनल में दौड़ रहा था। भीड़ चिल्ला रही थी। और जब वह फ़िनिश लाइन पार कर पहले स्थान पर पहुँचा, तो तिरंगा लहराया गया। मंच पर खड़े होकर उसने सिर्फ एक बात कही: अगर आप ठान लो, तो कोई भी रास्ता लंबा नहीं होता। कदम छोटे हों, पर इरादा बड़ा हो
