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साँई कम्‍प्‍यूटर टायपिंग इंस्‍टीट्यूट गुलाबरा छिन्‍दवाड़ा म0प्र0 संचालक:- लकी श्रीवात्री मो0नां. 9098909565

created Wednesday July 09, 12:47 by lovelesh shrivatri


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शराब, तंबाकू मीठे पेय जैसे उत्‍पादों को महंगा कर दिया जाए तो उनके सेवन से होने वाली गंभीर बीमारियों पर अंकुश लग सकता है। यह तथ्‍य तमाम अध्‍ययनों में समय-समय पर सामने आता रहा है। लंबे समय से यह मांग इसलिए भी उठती रही है क्‍योंकि इन उत्‍पादों की बिक्री से जितना राजस्‍व एकत्र होता है, उससे कई गुणा ज्‍यादा विभिन्‍न बीमारियों के उपचार की व्‍यवस्‍था करने में खर्च करना पड़ता है। दुनियाभर में तंबाकू से होने वाली मौतों में भारत दूसरे नंबर पर है। ऐसे में विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन की और से की गई यह पहल स्‍वागत योग्‍य है जिसमें कहा गया है कि वर्ष 2035 तक इन उत्‍पादों की वास्‍तविक कीमतों में कम से कम पचास फीसदी बढ़ोतरी की जानी चाहिए। ऐसा करने से सरकारों को करों के रूप में राजस्‍व तो मिलेगा ही, लोगों की जान बचाने की दिशा में भी सार्थक कदम उठाए जा सकेंगे।  
चिकित्‍सा क्षेत्र के अध्‍ययनों में यह कई बार कहा जा चुका है कि तंबाकु शराब और मीठे पेय का अत्‍यधिक सेवन कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी के अलावा डायबिटीज और दिल की बीमारियों को निमंत्रण दे रहा है, इसलिए इनके उत्‍पादन खपत दोनों पर ही काबू पाना होगा। ऐसे उत्‍पादों पर अत्‍यधिक कर लगने से स्‍वाभाविक रूप से इनकी खरीद की रफ्तार भी कम हो जाएगी। धीरे-धीरे लोगों को इन उत्‍पादों की तलब भी कम हो जाएगी। डब्‍ल्‍यूएचओं का अनुमान है कि इन उत्‍पादों की कीमतों में एक साथ ही पचास फीसदी की बढ़ोतरी कर दी जाए तो आने वाले पचास वर्षो में समय से पहले होने वाली पचास करोड़ मौतों को टाला जा सकता है। गैर संचारी रोगों के कारण होने वाली मौतें भारत में भी बड़े संकट के रूप में सामने है। हमारे यहां तंबाकू उत्‍पादों की बिक्री पर प्रतिबंधात्‍मक कदम लगाने के साथ-साथ सिगरेट तंबाकू के जानलेवा होने की वैधानिक चेतावनी संबंधित उत्‍पाद के पैक पर देने का कानूनी प्रावधान है। इसके बावजूद तो शराब और ही तंबाकू उत्‍पादों की बिक्री पर लगाम लग पाई है। मीठे पेय समेत हानिकारक डिब्‍बाबंद खाद्य पदार्थो के मामलों में भी ऐसा ही है। दरअसल, इन उत्‍पादों को सरकारी राजस्‍व का बड़ा जरिया मानने की प्रवृत्ति बनी हुई है। यह एक हद तक सच भी है। लेकिन जब इस राजस्‍व की तुलना स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं पर होने वाले खर्चो से की जाती है तो तस्‍वीर का दूसरा पहलू ही नजर आता है।  

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