Text Practice Mode
Hindi Typing For Mp Highcourt Exam and other (Neetesh Gour)
created Jun 26th, 17:05 by Neetesh Gour
1
545 words
12 completed
0
Rating visible after 3 or more votes
saving score / loading statistics ...
00:00
साक्षी रामेश्वर एवं दीपसिंह ने प्रतिपरीक्षण में बचाव पक्ष के इस सुझाव को स्वीकार किया है कि उसका भाई गब्बर पूर्व से दिल के राेग से पीडित था और उसका इलाज चल रहा था। यह भी स्वीकार किया है कि बच्चों के झगड़े के समय गब्बर घर के अंदर बोतलों में दूध भर रहा था और बोतलों में दूध भरते समय गब्बर को सीने में अचानक दर्द हुआ और वह बेहोश हो गया। वह उसके घर से गब्बर के यहां पहुंच गया था और अभियुक्त पक्ष के लोग भी पहुंच गये थे और स्वत: कथन किया है कि अभियुक्तगण गब्बर के साथ मुरैना अस्पताल आये थे। यह भी स्वीकार किया है कि डाॅक्टरों द्वारा गब्बर को ग्वालियर रैफर करने पर अभियुक्तगण भी गब्बर के साथ ग्वालियर गये थे और बाद में जब उसकी लाश को लेकर वह गांव गये तथा दाह संस्कार किया, उस समय अभियुक्त पक्ष दाह संस्कार में शामिल हुआ था। इस प्रकार उक्त साक्षी रामेश्वर की उक्त साक्ष्य से स्पष्ट है कि उन्होंने अभियोजन कहानी का समर्थन न करते हुये पूर्णत: विरोधाभासी कथन किये हैं एवं साक्षी रामेश्वर ने पुलिस कथन प्रदर्श पी-8 का ए से ए भाग एवं मर्ग इंटीमेशन प्रदर्श पी-1 का बी से बी भाग एवं प्रथम सूचना रिपोर्ट प्रदर्श पी-6 का बी से बी भाग तथा साक्षी दीपसिंह उर्फ बंटी ने पुलिस कथन पुलिस को दिये जाने से पूर्णत: इंकार किया है। उपरोक्त दोनों ही साक्षियों ने अभियोजन कहानी से विरोधाभासी कथन दिये हैं एवं अभियोजन कहानी का लैषमात्र भी समर्थन नहीं किया है। अभियोजन मामले अनुसार अन्य चक्षुदर्शी साक्षी रामलखन ने अपनी मुख्य परीक्षा में कथन किया है कि वह अभियुक्तगण को जानता है। गब्बर सिंह उसके बहनोई थे। उसे घटना की तारीख याद नहीं है। घटना दीपावली से पहले की है। उसे उसके भांजे सोनू ने फोन कर बताया था कि उसके पिताजी खत्म हो गये हैं। वह गांव सिमरौदा से तीन-चार घण्टे में अनी बहन के घर पहुंचा था और जब वह घर पर पहुंचा तो उसके बहनोई को अस्पताल लेकर गये हुये थे। अगले दिन जब उसके बहनोई का शव घर पर पहुंचा तब वह भी पहुंच गया था और बहनोई के दाह संस्कार में शामिल हुआ था। उसके बहनोई के घरवालों ने उसे बताया कि गब्बर सिंह की मृत्यु हार्ट अटैक से हुई है। अत: उपरोक्त साक्षीगण रामेश्वर एवं दीपसिंह उर्फ बंटी आदि के कथन अभियोजन कहानी से पूर्णत: विरोधाभासी रहे हैं और लोक अभियोजक द्वारा पक्षविरोधी कर सुझाव दिये जाने पर उक्त साक्षीगण ने इंकार किया है कि मृतक गब्बर की हत्या अभियुक्त रिंकू द्वारा सिर में डण्डा मारकर तथा अभियुक्त धर्मपाल द्वारा छाती में बांयी तरफ घूसा मारकर कारित की गई। उक्त साक्षीगण ने अपने पुलिस कथनों के संबंध में पूर्णत: अस्वीकार किया है कि उन्होंने पुलिस को ऐसे कोई कथन दिये थे एवं मुख्य परीक्षण में किये गये कथन कि गब्बर की मृत्यु हार्टअटैक से हुई थी, पर अडिग रहे हैं। विवेचना अधिकारी द्वारा विवेचना में बनाये गये दस्तावेजों पर उक्त साक्षीगण ने अपने हस्ताक्षरों को तो स्वीकार किया है, परंतु उन दस्तावेजों में क्या लिखा है, इसकी जानकारी होने से इंकार किया है। इस प्रकार उक्त साक्षीगण ने घटना के संबंध में कोई भी जानकारी न होना व्यक्त किया है और अभियोजन, फरियादी एवं चक्षुदर्शी साक्षियों की साक्ष्य से अपने मामले को प्रमाणित करने में पूर्णत: असफल रहा है।
