eng
competition

Text Practice Mode

CPCT CENTER UMARIA(RAM-9301406862)

created Friday May 16, 12:39 by jindgi7717


0


Rating

180 words
52 completed
00:00
देश की स्‍वतंत्रता के पश्‍चात कथित सेकुलरवाद के नाम पर हिन्‍दू समाज पर बढ़ते अन्‍याय तथा ईसाईयों मुसलमानों के तुष्‍टीकरण के बीच 1957 में नियोगी आयोग रिपोर्ट आई। इसमें ईसाई मिशनरियों द्वारा छल, कपट, लोभ, लालच धोखे से पूरे देश में हिंदुओं के कन्‍वर्जन की सच्‍चाई के सामने आने के बावजूद, तत्‍कालीन केंद्र सरकार द्वारा कन्‍वर्जन के विरुद्ध केंद्रीय कानून बनाने से स्‍पष्‍ट मना कर दिया गया।  
उधर, विदेशों में रहने वाला हिन्‍दू समाज भी अपनी विविध समस्‍याओं के समाधान हेतु भारत की ओर ताक तो रहा था, किन्‍तु उसके प्रति भी केंद्र सरकार के उदासीन रवैये ने निराश ही किया। ऐसे में हिन्‍दू समाज को संगठित सांस्‍कृतिक जीवन मूल्‍यों की रक्षा हेतु साठ वर्ष पूर्व जन्‍माष्‍टमी (1964) को विश्‍व हिन्‍दू परिषद की स्‍थापना हुई  
इस अवसर पर एक बैठक हुई जिसमें राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ के प्रचारक और हिंदुस्‍तान समाचार के संस्‍थापक श्री दादासाहब आप्‍टे जी के सााि श्रीकृष्‍ण जन्‍माष्‍टमी के पावन अवसर पर मुंबई के पवई स्थित पूज्‍य स्‍वामी चिन्‍मयानन्‍द जी के आश्रम सांदीपनि साधनालय में पूज्‍य स्‍वामी के अनुसाध में किया गया  

saving score / loading statistics ...