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SAHU COMPUTER TYPING CENTER MANSAROVER COMPLEX CHHINDWARA [M.P] DURGESH SAHU - 8085027543
created Feb 14th, 07:18 by sahucpct01
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महोदय, मैं आपके सामने इस सदन में एक बात और रखना चाहता हूँ तथा वह यह है कि देश में बेरोजगारी बढ़ती ही चली जा रही है और इसे रोकने का कोई उपाय सरकार अभी तक नहीं कर पायी है। सरकार अपने दूसरे काम धंधों में ऐसी उलझी रहती है कि उसे इस ओर ध्यान देने का समय ही नहीं है। यदि बेरोजगारी की समस्या की तरफ सरकार ने ध्यान नहीं दिया तो देश का जो बेरोजगार वर्ग है वह क्रान्ति कर सकता है और अगर ऐसा हुआ तो सरकार को बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा इसलिए मेरा सुझाव है कि सरकार को जल्दी से जल्दी इस समसया की तरफ ध्यान देना चाहिए। यह बेरोजगारी ऐसी नहीं है कि बात की बात में ही दूर हो जायेगी इसके लिए सरकार को योजना बनाकर काम करना होगा, नए-नए अवसर सरकार को देने होंगे, पढ़ाई के ढॉंचे में परिवर्तन करना होगा और कुटीर उद्योगों की तरफ बढ़ना पड़ेगा।
अब मैं देश में फैली अराजकता तथा जरूरी वस्तुओं के मूल्यों में वृद्धि के बारे में भी कुछ कहना चाहता हूँ। मैं उन बातों को दोहराना नहीं चाहता जो मेरे मित्रों ने कही है। यहॉं एक बात मैं जरूर कहूँगा कि इस समय हिन्दुस्तान में चारों तरफ की परिस्थिति बड़ी खराब है और इसमें किसी एक की कोई जिम्मेदारी नहीं है। लोगों के पास सामान खरीदने के लिए पैसा नहीं है लोग भूखों मर रहे हैं। ऐसी हालत में असामाजिक तत्व इनके साथ मिल जाते हैं और दुकानों को लूटने की कोशिश करते हैं इसी प्रकार दंगे फसाद बढ़ रहे हैं इन सब का कारण महँगाई से लगाया जा सकता है। लोगों में बेरोजगारी पहले से ही काफी है और उस पर भी यदि उन्हें जरूरी वस्तुएं सही दामों पर न मिली तो उनकी हालात और भी अधिक खराब हो जाती है। एक बात बिल्कुल साफ और सही है कि अगर सामान बाजार में होगा चाहे वह चीनी हो या चावल, गेहूँ या और कुछ यदि लोगों के पास उन्हें खरीदने के लिए पैसा नहीं होगा तो वे लूटपाट ही करेंगे।
अब मैं देश में फैली अराजकता तथा जरूरी वस्तुओं के मूल्यों में वृद्धि के बारे में भी कुछ कहना चाहता हूँ। मैं उन बातों को दोहराना नहीं चाहता जो मेरे मित्रों ने कही है। यहॉं एक बात मैं जरूर कहूँगा कि इस समय हिन्दुस्तान में चारों तरफ की परिस्थिति बड़ी खराब है और इसमें किसी एक की कोई जिम्मेदारी नहीं है। लोगों के पास सामान खरीदने के लिए पैसा नहीं है लोग भूखों मर रहे हैं। ऐसी हालत में असामाजिक तत्व इनके साथ मिल जाते हैं और दुकानों को लूटने की कोशिश करते हैं इसी प्रकार दंगे फसाद बढ़ रहे हैं इन सब का कारण महँगाई से लगाया जा सकता है। लोगों में बेरोजगारी पहले से ही काफी है और उस पर भी यदि उन्हें जरूरी वस्तुएं सही दामों पर न मिली तो उनकी हालात और भी अधिक खराब हो जाती है। एक बात बिल्कुल साफ और सही है कि अगर सामान बाजार में होगा चाहे वह चीनी हो या चावल, गेहूँ या और कुछ यदि लोगों के पास उन्हें खरीदने के लिए पैसा नहीं होगा तो वे लूटपाट ही करेंगे।
