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SAHU COMPUTER TYPING CENTER MANSAROVER COMPLEX CHHINDWARA [M.P] DURGESH SAHU - 8085027543

created Feb 14th, 07:04 by sahucpct


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ऐसा प्रतीत होता है कि हाल ही में गेहूँ, चावल तथा उर्वरकों के मूल्‍यों में हुई वृद्धि के पीछे अंतर्राष्‍ट्रीय मुद्रा कोश तथा विश्‍व बैंक जैसी ताकतों का दबाव काम कर रहा है। विश्‍व बैंक तथा मुद्रा कोश हमेशा इस बात पर जोर देते रहे हैं कि खाद्यान्‍न तथा उर्वरकों पर सभी राशि धीरे-धीरे बन्‍द कर देनी चाहिए। यह खेद की बात है कि हमारी सरकार इस नीति को अपना रही है और उन लोगों के हाथों में खेल रही है जो नहीं चाहते हैं कि हमारा देश खाद्यान्‍न के मामले में आत्‍मनिर्भर बनें। दूसरी बात यह है कि अब पेट्रोल, मिट्टी तेल रसोई गैस आदि सभी की कीमतें बढ़ा दी गई है जो न्‍यायोचित नहीं कही जा सकेंगी क्‍योंकि इससे आम आदमी की कठिनाइयां बढ़ जायेंगी। पूरे विश्‍व में कच्‍चे तेल के दामों में कमी हो रही है ऐसी स्थिति में उर्वरकों  तथा डीजल, पेट्रोल के मूल्‍यों में वृद्धि करने का कोई कारण समझ में नहीं आता है। सरकार की ऐसी नीतियों से किसान खेतों में और उपभोक्‍ता बाजार में लुट रहा है। उपभोक्‍ता समझता है कि किसान को अनाज का मूल्‍य ज्‍यादा मिल रहा है इस कारण दाम बढ़ रहे हैं, लेकिन वास्‍तविकता यह नहीं है।  
    आदरणीय सभापति महोदय, जैसा कि माननीय सदस्‍य जानते हैं कि आजकल महानगरों में नशीले पदार्थों का प्रयोग बढ़ता चला जा रहा है। यह बीमारी दिन पर दिन बढ़ती ही जा रही है यहॉं तक कि अब तो शिक्षण संस्‍थानों में भी नशीले पदार्थों के बढ़ते इस्‍तेमाल से भयानक समस्‍या पैदा हो गई है। मेरा सरकार से यह निवेदन है कि इसके निदान के लिए युद्ध स्‍तर पर कार्य होने चाहिए ताकि आज की युवा पीढ़ी इसके चंगुल से शीघ्र निकल सके। मैं समाज के हर वर्ग से अपील करता हूँ कि वह सरकार का साथ दें ताकि समय रहते इस समस्‍या का समाधान निकाला जा सकें।   
 

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