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BUDDHA ACADEMY TIKAMGARH (MP) || ☺ || ༺•|✤ आपकी सफलता हमारा ध्येय ✤|•༻
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सर्वोच्च न्यायालय ने भारतीय युवाओं के बीच नशीने पदार्थों के सेवन को लेकर न केवल चिंता जाहिर की है, बल्कि द्रव्यों के सेवन को सामान्य मानने बताने की बढ़ती प्रवृति पर भी अफसोस जताया है। नशा करना कहीं से भी सामान्य या सरल बात नहीं है, पर आज दुनिया में नशा करना धीरे-धीरे न्यू नॉर्मल होता जा रहा है। न्यायमूर्ति की पीठ ने मादक पदार्थों की तस्करी के नेटवर्क में शामिल होने के खिलाफ एनआईए की जांच की पुष्टि करते हुए यह कहा है। यह आरोपी पाकिस्तान से भारत नशीले पदार्थों की समुद्री मार्ग से तस्करी करता था। दरअसल, देश में एक वर्ग ऐसा है, जो मादक द्रव्यों को सामान्य रूप से स्वीकार करता है। ऐसा व्यवसायी वर्ग भी है। जो मदक द्रव्यों की तस्करी में जुटा हुआ है और यह वर्ग सही गलत के विचार से खुद को ऊपर मानता है। ऐसे में यह बहुत जरूरी है कि नशे के कारोबार और नशा करने वाले तमाम लोगों को सही आईना दिखाया जाए। सर्वोच्च न्यायालय ने यही जरूरी काम किया है। हम समाजिक विकास के मोर्चे पर ऐसे संक्रमण काल से गुजर रहे हैं, जब नशोखोरी के खिलाफ किसी भी सलाह को घिसी पिटी मानने वाले बहुत हो गए है। मादक पदार्थों के सेवन पर तो वैसे भी प्रतिबंध है, लेकिन जिन राज्यों में शराब बंदी भी है, वहां भी नशे के खिलाफ किसी सलाह को बीती बात मानने वाले बहुत हैं। ऐसे में न्यायामूर्ति का यह कहना बहुत महत्वपूर्ण है कि इससे देश के युवाओं की चमक खत्म होने का खतरा है। नशा न केवल सामाजिक, आर्थिक, बल्कि मानसिक रूप से भी कमजोर करता है। सबसे अच्छी बात है कि अदालत ने माता-पिता समाज और सरकारी संगठनों से तत्काल व सामूहिक कार्रवाई का आह्वान किया है। मादक पदार्थों के खिलाफ हमारी लड़ाई तब तक सफल नहीं हो सकती, जब तक कि तमाम जिम्मेदार लोग समग न हो जाएं। हर धर्म हर जाति हर उम्र के लोग नशा करने लगे हैं, तो इसका मतलब यह नहीं कि नशे को सही मान लिया जाए।
नशीली चीजों का व्यापार समाज को अस्थिर करते हुए हिंसा व आतंक को भी वित्त पोषित करता है। अपराधियों के लिए धन कमाने का आसान मार्ग बन जाता है। मादक पदार्थों की तस्करी। बिक्री से भारी धन कमाने वाले अपराधी अपने बचाव के लिए भी इसी धन का इस्तेमाल करते हैं।
नशीली चीजों का व्यापार समाज को अस्थिर करते हुए हिंसा व आतंक को भी वित्त पोषित करता है। अपराधियों के लिए धन कमाने का आसान मार्ग बन जाता है। मादक पदार्थों की तस्करी। बिक्री से भारी धन कमाने वाले अपराधी अपने बचाव के लिए भी इसी धन का इस्तेमाल करते हैं।
