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साँई कम्प्यूटर टायपिंग इंस्टीट्यूट गुलाबरा छिन्दवाड़ा म0प्र0 संचालक:- लकी श्रीवात्री मो0नां. 9098909565
created Jan 29th, 08:54 by lucky shrivatri
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गुरूकुल में एक राजकुमार शिक्षा लेने आया। उसे इस बात का अहंकार था कि वह एक राजकुमार है। एक दिन गुरूदेव ने सभी शिष्यों को बुलाया और सबको एक सुंदर बगीचे में ले जाकर एक बड़े पेड़ के पास खड़ा किया। और बोले, यह पेड़ कितना बड़ा और सुंदर है? और इस पेड़ पर बहुत रसीले और स्वादिष्ट फल लग रहे है। यह पेड़ फलों की वजह से घमंड करता होगा। गुरूदेव ने आगे पूछा, जब यह पेड़ और अधिक फलों से लद जाता है, तो क्या होता है। एक शिष्य ने कहा, गुरूदेव पेड़ की शाखाएं झुक जाती है।
गुरूदेव बोले, यह पेड़ जितने अधिक फल देता है, उतना अधिक झुकता है। यही इसकी महानता है। गुरूदेव ने राजकुमार को कहा, तुम भी इस पेड़ की तरह हो सकते हो। तुम्हारे पास भी बहुत विशेषताएं और शक्तियां है। सच्चा महान व्यक्ति वही है जो विनम्रता से झुके और सबको समान मानकर चले। राजकुमार को बात समझ में आ गई। उसने खुद को बदलने की ठानी।
गुरूदेव बोले, यह पेड़ जितने अधिक फल देता है, उतना अधिक झुकता है। यही इसकी महानता है। गुरूदेव ने राजकुमार को कहा, तुम भी इस पेड़ की तरह हो सकते हो। तुम्हारे पास भी बहुत विशेषताएं और शक्तियां है। सच्चा महान व्यक्ति वही है जो विनम्रता से झुके और सबको समान मानकर चले। राजकुमार को बात समझ में आ गई। उसने खुद को बदलने की ठानी।
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