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SAHU COMPUTER TYPING CENTER MASAROVER COMPLEX CHHINDWARA [M.P] DURGESH SAHU - 8085027543

created Saturday January 25, 05:05 by sahucpct02


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जानवरों में गधा सबसे ज्‍़यादा बुद्धिहीन समझा जाता है। हम जब किसी आदमी को परले दरजे का बेवकूफ़ कहना चाहते है, तो उसे गधा कहते हैं। गधा सचमुच के बेवकूफ़ है, या उसके सीधेपन, उसकी निरापद सहष्णिुता ने उसे यह पदवी दे दी है, इसका निश्‍चय नहीं किया जा सकता। गायें सींग मारती हैं, ब्‍याई हुई गाय तो अनायास ही सिंहनी का रूप धारण कर लेती है। कुत्ता भी बहुत गरीब जानवर है, नेकिन कभी-कभी उसे भी क्रोध जाता है; किंतु गधे को कभी क्रोध करते नहीं सुना, देखा। जितना चाहो गरीब को मारो, चाहे जैसी खराब, सड़ी हुई घास सामने डाल दो, उसके चेहरे पर कभी असंतोष की छाया भी दिखाई देगी। वैशाख में चाहे एकाध बार कुलेल कर लेता हो; पर हमने तो उसे कभी खुश होते नहीं देखा। उसके चेहरे पर एक विषाद स्‍थायी रूप से छाया रहता है। सुख-दुख हानि-लाभ, किसी भी दशा में उसे बदलते नहीं देखा। ऋषियों-मुनियों के जितने गुण हैं वे सभी उसमें पराकाष्‍ठा को पहुँच गए हैं; पर आदमी उसे बेवकूफ़ कहता है। सद्गुणों का इतना अनादर कहीं नहीं देखा। न, भारतवासियों की अफ्रीका में क्‍या दुर्दशा हो रही है? बेचारे शराब नहीं पीते, चार पैसे कुसमय के लिए बचाकर रखते हैं, जी तोड़कर काम करते हैं, किसी से लड़ाई-झगड़ा नहीं करते, चार बातें सुनकर गम खा जाते हैं फिर भी बदनाम हैं। कहा जाता है, वे जीवन के आदर्श को नीचा करते हैं। अगर वे भी ईंट का जवाब पत्‍थर से देना सीख जाते तो शायद सभ्‍य कहलाने लगते। जापान की मिसाल सामने है। एक ही विजय ने उसे संसार की सभ्‍य जातियों में गण्‍य बना दिया।  
लेकिन गधे का एक छोटा भाई और भी है, जो उससे कम ही गधा है, और वह है ‘बैल’। जिस अर्थ में हम गधे का प्रयोग करते हैं, कुछ लोग उसी से मिलते-जुलते अर्थ में ‘बछिया के ताऊ’ का भी प्रयोग करते हैं। कुछ लोग बैल को शायद बेवकूफ़ों में सर्वश्रेष्‍ठ कहेंगे;  मगर हमारा विचार ऐसा नहीं है। बैल कभी-कभी मारता भी है, कभी-कभी अडि़यल बैल भी देखने में आता है। और भी कई रीतियों से अपना असंतोष प्रकट कर देता है; अतएव उसका स्‍थान गधे से नीचा है।  
 

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