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साँई कम्प्यूटर टायपिंग इंस्टीट्यूट गुलाबरा छिन्दवाड़ा म0प्र0 संचालक:- लकी श्रीवात्री मो0नां. 9098909565
created Jan 16th, 05:01 by lucky shrivatri
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एक व्यक्ति रोज पत्थर तोड़ने का काम करता था। वह घर से थोड़ा दूर बड़े से पर्वत के पत्थर तोड़ता और अपना जीवन यापन करता। एक दिन उस व्यक्ति ने सोचा कि क्या हम जीवन भर यही यही काम करते रहेंगे। क्या हमारे जिंदगी में कभी आराम नहीं मिलेगा? बात सुनते ही उनके मन में एक असंतुष्टि की भावना उत्पन्न हो गया और वह अपने आप को कोसने लगा। असंतुष्टि की भावना के कारण उसे रातों में नीदं आना बंद हो गया। वह हमेशा सोचने लगा कि मुझे बड़ा बनना है। एक रात जब वह सो रहा था तो उसने एक सपना दिखाई दिया। जब वह पत्थर तोड़ने जा रहा था उस रास्ते में एक बड़ा सा बंगला दिखाई दिया। उन्होंने सोचा यह बंगला ही सबसे बड़ा है। यह मेरे पास होना चाहिए। वह बहुत देर तक बंगला को देखता रहा। कुछ देर बाद एक व्यक्ति आया। जिसको सभी लोग फूलों का माला पहनाया और जय कार करने लगा। वह व्यक्ति कोई राजनेता था। उस पत्थर तोड़ने वाला ने सोचा कि यह बंगला तो बड़ा नहीं है। बड़ा तो वह व्यक्ति है जिसको सब इतना आदर सत्कार कर रहा है।
अब वह पत्थर तोड़ने वाला व्यक्ति सोचने लगा कि नहीं मुझे अब नेता बनना है। बंग्ला और नेता को धूप में खड़े होकर देखते-देखते पत्थर वालाा पसीना से तरबतर हो गया। फिर उसने ऊपर देखा उसे सूरज दिखाई दिया। तब उसने सोचा कि सबसे बड़ा यह सूरज है। जो इतना ऊपर चमक कर सब को रोशनी दे रहा है। मुझे भी कितना पसीना से तर-बतर कर दिया। मुझे तो अब सूरज बनना है। वह सूरज को देख ही रहा था तभी एक घना बादल और सूरज को ढक दिया। पत्थर तोड़ने वाला व्यक्ति ने सोचा यह बादल ही सबसे बड़ा है जो पूरे सूरज को ढक दिया। वह व्यक्ति बादल को देख ही रहा था कि हवा का एक झोंका आया और बादल तो दूर लेकर चल गया। पत्थर तोड़ने वाल व्यक्ति देखता रह गया। यह क्या हो रहा है। हवा का झोंका बादल को उडा के चला गया। हमें तो हवा बनना चाहिए क्योंकि हवा सबसे ताकतवर है।
अब वह पत्थर तोड़ने वाला व्यक्ति सोचने लगा कि नहीं मुझे अब नेता बनना है। बंग्ला और नेता को धूप में खड़े होकर देखते-देखते पत्थर वालाा पसीना से तरबतर हो गया। फिर उसने ऊपर देखा उसे सूरज दिखाई दिया। तब उसने सोचा कि सबसे बड़ा यह सूरज है। जो इतना ऊपर चमक कर सब को रोशनी दे रहा है। मुझे भी कितना पसीना से तर-बतर कर दिया। मुझे तो अब सूरज बनना है। वह सूरज को देख ही रहा था तभी एक घना बादल और सूरज को ढक दिया। पत्थर तोड़ने वाला व्यक्ति ने सोचा यह बादल ही सबसे बड़ा है जो पूरे सूरज को ढक दिया। वह व्यक्ति बादल को देख ही रहा था कि हवा का एक झोंका आया और बादल तो दूर लेकर चल गया। पत्थर तोड़ने वाल व्यक्ति देखता रह गया। यह क्या हो रहा है। हवा का झोंका बादल को उडा के चला गया। हमें तो हवा बनना चाहिए क्योंकि हवा सबसे ताकतवर है।
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