eng
competition

Text Practice Mode

MY NOTES 247 जूनियर ज्‍यूडिशियल असिस्‍टेंट हिंदी मोक टाइपिंग टेस्‍ट

created Jan 15th, 05:33 by Anamika Shrivastava


2


Rating

306 words
25 completed
00:00
याचिकाकर्ता के विद्वान वकील ने दलील दी कि जहां तक अन्‍य आरोपों का सवाल है, याचिकाकर्ता ने मुकदमे में उनका विरोध करने का प्रस्‍ताव रखा है। हालांकि, जहां तक भा. दं.सं. की धारा 467 के तहत अपराध का सवाल है, उनका तर्क है कि उक्‍त धारा के तहत कोई अपराध नहीं बनाता अगर अभियोजन पक्ष के इस मामले को स्‍वीकार भी कर लिया जाए कि ओएमआर शीट से छेड़छाड़ की गई है, जो भा.दं.सं. की धारा 467 में बताई गई 'मूल्‍यवान सुरक्षा' की परिभाषा के अंतर्गत नहीं आती है। इसलिए, उनका तर्क है कि जहां तक भा.दं.सं. की धारा 467 का संबंध है, याचिका को स्‍वीकार किया जाना चाहिए और जहां तक इस धारा का संबंध है, याचिकाकर्ता के खिला। लगाए गए आरोपों को खारिज किया जाना चाहिए। प्रतिवादी के विद्वान वकील ने इस पर विवाद किया है। दलीलों पर विचार करने पर, हमें याचिका में कोई योग्‍यता नहीं दिखती। जहां तक भा.दं.सं. की धारा 467 का सवाल है, यह मूल्‍यवान प्रतिभूति वसीयत आदि की जालसाजी से संबंधित है। यह उस दस्‍तावेज को संदर्भित करता है जिसे किसी भी ब्‍याज को प्राप्‍त करने के उद्देश्‍य से जाली बनाया गया है। अपने मामले के समर्थन में, याचिकाकर्ता के विद्वान वकील ने आईएलआर (2016) एमपी 2357 में पैरा 12.5 के संदर्भ में इस न्‍यायालय की ग्‍वालियर पीठ के फैसले पर भरोसा किया, जो इस प्रकार है 12.5 भा.दं.सं. की धारा 467 को पढ़ने से पता चलता है कि यह अपराध तब होता है जब कोई व्‍यक्ति दस्‍तावेजों की जालसाजी करता है, जो कि मूल्‍यवान सुरक्षा या वसीयत या बेटे को गोद लेने का अधिकार या कोई भी दस्‍तावेज है जो किसी व्‍यक्ति को किसी भी मूल्‍यवान सुरक्षा को बनाने या हस्‍तांतरित करने या उस पर मूलधन, ब्‍याज या लाभांस प्राप्‍त करने या कोई भी धन, चल संपत्ति या मूल्‍यवान सुरक्षा प्राप्‍त करने या वितरित करने  
 
 

saving score / loading statistics ...