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साँई कम्प्यूटर टायपिंग इंस्टीट्यूट गुलाबरा छिन्दवाड़ा म0प्र0 संचालक:- लकी श्रीवात्री मो0नां. 9098909565
created Jan 14th, 08:54 by lucky shrivatri
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प्रयागराज में गंगा-यमुना और सरस्वती के संगम तट पर 144 साल की प्रतीक्षा का अंत करते हुए सोमवार को महाकुंभ-2025 का आगाज हो गया। महाकुंभ के पहले स्नान पर्व पौष पूर्णिमा के पावन अवसर पर सोमवार को देशभर से आए एक करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। कंपकंपाती ठंड के बावजूद आधी रात से ही श्रद्धालु और कल्पवासी संगम तट पर जुटने लगे थे। हर-हर गंगे और जय श्रीराम के गगनभेदी जयकारों से मेला क्षेत्र गूंज रहा है। इसी के साथ 45 दिन का कल्पवास शुरू हो गया। पहला शाही स्नान मकर संक्रांति पर मंगलवार को होगा।
महाकुंभ अनन्य आस्था, अगाध भक्ति हर्ष-उमंग और भावनाओं के उमड़ते ज्वार को साक्षात्कार करने सरीखा अनुभव बन गया है। संगम में डुबकी लगाने से पहले भक्तों ने पांच से सात किमी का पैदल सफर तय किया। भक्तों पर हेलिकॉप्टर से पुष्प वर्षा की गई। सुरक्षा के लिए चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा कर्मी तैनात है।
पौष पूर्णिमा पर बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं तड़के से ही संगम स्नान के लिए पहुंचने लगे। संगम नोज, एरावत घाट और वीआइपी घाट समेत समस्त घाटों पर सुबह से ही श्रद्धालु स्नान करते नजर आए। युवा इस पावन क्षण को कैमरे में कैद कर सोशल मीडिया पर साक्षा करते दिखे। युवाओं में सनातन संस्कृति और आध्यात्मिकता के प्रति खासा उत्साह देखने को मिल रहा है। दान-पुण्य में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे है।
पहले स्नान पर्व के दौरान इंद्रदेव ने भी अपनी कृपा बरसाई। एक दिन पहले हुई हल्की बारिश के बाद ठंडी हवा के बीच श्रद्धालुओं ने पवित्र स्नान का आनंद लिया। मेला क्षेत्र में सुरक्षा के अभुतपूर्व इंतजाम किए गए है।
महाकुंभ अनन्य आस्था, अगाध भक्ति हर्ष-उमंग और भावनाओं के उमड़ते ज्वार को साक्षात्कार करने सरीखा अनुभव बन गया है। संगम में डुबकी लगाने से पहले भक्तों ने पांच से सात किमी का पैदल सफर तय किया। भक्तों पर हेलिकॉप्टर से पुष्प वर्षा की गई। सुरक्षा के लिए चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा कर्मी तैनात है।
पौष पूर्णिमा पर बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं तड़के से ही संगम स्नान के लिए पहुंचने लगे। संगम नोज, एरावत घाट और वीआइपी घाट समेत समस्त घाटों पर सुबह से ही श्रद्धालु स्नान करते नजर आए। युवा इस पावन क्षण को कैमरे में कैद कर सोशल मीडिया पर साक्षा करते दिखे। युवाओं में सनातन संस्कृति और आध्यात्मिकता के प्रति खासा उत्साह देखने को मिल रहा है। दान-पुण्य में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे है।
पहले स्नान पर्व के दौरान इंद्रदेव ने भी अपनी कृपा बरसाई। एक दिन पहले हुई हल्की बारिश के बाद ठंडी हवा के बीच श्रद्धालुओं ने पवित्र स्नान का आनंद लिया। मेला क्षेत्र में सुरक्षा के अभुतपूर्व इंतजाम किए गए है।
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