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प्राचीन भारतीय इतिहास
created Jan 1st, 11:33 by durgesh sahu
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प्राचीन भारतीय इतिहास के अतिमहत्वपूर्ण स्मरणीय तथ्य-हरप्पा सभ्यता प्रथम धातुयुगीन सभ्यता थी। यह ताम्र - पाषाण कालीन थी। इसका स्वरुप नगरीय था। गणेश्वर - जोधपुर संस्कृति के अवशेष खेतड़ी क्षेत्र राजस्थान में पाए गए हैं। कनिंघम - भारतीय पुरातत्व के प्रथम निदेशक थे। 1875 ई. कनिंघम ने हरप्पायी मुहर पर लेख लिखी। सेंडल कुरेन्स - सैन्धव सभ्यता में आटा पीसने के लिए प्रयुक्त उपकरण। हरप्पा सभ्यता के केंद्र जहाँ से मनको के अवशेष प्राप्त हुए हैं- चन्हूदड़ो, लोथल, धौलावीरा हरप्पा सभ्यता में संख निर्माण केंद्र - नागेश्वर, बालाकोट
सैन्धव सभ्यता के व्यापारिक सम्बन्ध - ओमन, दिलमुन, मेसोपोटामिया हरप्पायी लिपि में 315 - 400 चिन्हों का प्रयोग हुआ है।
महत्वपूर्ण पुस्तकें एवं लेखक - 1. बुद्धचरित, सोन्दरानंद - अश्वघोष, 2. मुद्राराक्षस - विशाखदत्त, 3. महाभाष्य -पतंजलि, 4. अष्टाध्यायी - पाणिनि 5. मलविकाग्निमित्रम,अभिज्ञान शाकुंतलम - कालिदास, 6. नीतिसार - कामंदक 7 मृच्छकटिकम -शूद्रक 8.राजतरंगिणी -कल्हण -1150- प्रथम ऐतिहासिक पुस्तक, 9. गार्गी संहिता - यूनानी आक्रमण का उल्लेख, 10. विक्रमांकदेव चरित - विल्हण, कुमारपाल चरित - हेमचंद्र, प्रबंध चिंतामणि - मेरुतुंग, कीर्ति कौमुदी - सोमेश्वर, मत्तविलास प्रहसन - पल्लव नरेश महेंद्रवर्मा, पृथ्वीराज विजय - जयानक, पृथ्वीराजरासो - चंद्रबरदाई,
पेरिप्लस ऑफ़ द अरिथ्रियन सी - लेखक अज्ञात मानसून का प्रथम वर्णन, नेचुरल हिस्ट्री - प्लिनी, चचनामा - अली अहमद, ऋग्वैदिक विदुषी स्त्रियाँ - लोपामुद्रा, अपाला, घोषा, सिकता, विश्ववारा। लोपा -अगस्त्य ऋषि की पत्नी ( क्षत्रिय जाति) ऋग्वेद - 10 मण्डल, 1028 सूक्त, 10462 श्लोक, प्रथम एवं अंतिम मण्डल बाद में जोड़ा गया, संसार का सबसे पुराना ग्रन्थ। ऋग्वेद की पाँच शाखाएं - शाकल, वाकल,आश्वलायन, शांखायन,और मांडूक्यायन। पुरुष सूक्त - 10 वाँ मण्डल। सामवेद - श्लोकों के उच्चारण एवं गायन संबंधी, अधिकांश श्लोक ऋग्वेद से। यजुर्वेद - यज्ञ व् अनुष्ठान से सम्बंधित। दो भाग - कृष्ण एवं शुक्ल अथर्ववेद - सांसारिक विषयों से सम्बंधित।
वेद - उपवेद - प्रवर्तक
1 ऋग्वेद - आयुर्वेद - प्रजापति
2 सामवेद - गन्धर्ववेद - नारद
3. यजुर्वेद - धनुर्वेद - विश्वामित्र
4. अथर्ववेद - शिल्पवेद - विश्वकर्मा
सैन्धव सभ्यता के व्यापारिक सम्बन्ध - ओमन, दिलमुन, मेसोपोटामिया हरप्पायी लिपि में 315 - 400 चिन्हों का प्रयोग हुआ है।
महत्वपूर्ण पुस्तकें एवं लेखक - 1. बुद्धचरित, सोन्दरानंद - अश्वघोष, 2. मुद्राराक्षस - विशाखदत्त, 3. महाभाष्य -पतंजलि, 4. अष्टाध्यायी - पाणिनि 5. मलविकाग्निमित्रम,अभिज्ञान शाकुंतलम - कालिदास, 6. नीतिसार - कामंदक 7 मृच्छकटिकम -शूद्रक 8.राजतरंगिणी -कल्हण -1150- प्रथम ऐतिहासिक पुस्तक, 9. गार्गी संहिता - यूनानी आक्रमण का उल्लेख, 10. विक्रमांकदेव चरित - विल्हण, कुमारपाल चरित - हेमचंद्र, प्रबंध चिंतामणि - मेरुतुंग, कीर्ति कौमुदी - सोमेश्वर, मत्तविलास प्रहसन - पल्लव नरेश महेंद्रवर्मा, पृथ्वीराज विजय - जयानक, पृथ्वीराजरासो - चंद्रबरदाई,
पेरिप्लस ऑफ़ द अरिथ्रियन सी - लेखक अज्ञात मानसून का प्रथम वर्णन, नेचुरल हिस्ट्री - प्लिनी, चचनामा - अली अहमद, ऋग्वैदिक विदुषी स्त्रियाँ - लोपामुद्रा, अपाला, घोषा, सिकता, विश्ववारा। लोपा -अगस्त्य ऋषि की पत्नी ( क्षत्रिय जाति) ऋग्वेद - 10 मण्डल, 1028 सूक्त, 10462 श्लोक, प्रथम एवं अंतिम मण्डल बाद में जोड़ा गया, संसार का सबसे पुराना ग्रन्थ। ऋग्वेद की पाँच शाखाएं - शाकल, वाकल,आश्वलायन, शांखायन,और मांडूक्यायन। पुरुष सूक्त - 10 वाँ मण्डल। सामवेद - श्लोकों के उच्चारण एवं गायन संबंधी, अधिकांश श्लोक ऋग्वेद से। यजुर्वेद - यज्ञ व् अनुष्ठान से सम्बंधित। दो भाग - कृष्ण एवं शुक्ल अथर्ववेद - सांसारिक विषयों से सम्बंधित।
वेद - उपवेद - प्रवर्तक
1 ऋग्वेद - आयुर्वेद - प्रजापति
2 सामवेद - गन्धर्ववेद - नारद
3. यजुर्वेद - धनुर्वेद - विश्वामित्र
4. अथर्ववेद - शिल्पवेद - विश्वकर्मा
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