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साँई कम्प्यूटर टायपिंग इंस्टीट्यूट गुलाबरा छिन्दवाड़ा म0प्र0 संचालक:- लकी श्रीवात्री मो0नां. 9098909565
created Dec 31st 2024, 04:38 by Sai computer typing
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मुख्य न्यायाधीश ने अपील का प्रमाणपत्र देते समय प्रकट किया कि कही गई बाद के प्रति इतना अधिक गंभीर दृष्टिकोण अपनाने में अत्यधिक संवेदनशीलता प्रकट होती है। वस्तुत: हम और आगे बढ़कर कहेंगे कि वह व्यक्तियों की गरिमा के अधिक अनुकूूलहोता कि इस मूर्खतापूर्ण टिप्पणी की उपेक्षा करते जो बार-बार की जाती है और जिसे केवल अनपढ़ ही नहीं करते अपितु जानकार भी करते हैं और इसमें कोई संदेह नहीं है कि वह टिप्पणी जब तक वकील का अस्तित्व है, की जाती रहेगी। ऐसे शब्दों के विषय में यह मानना कि उनके लिय न्यायालय की दंडित करने की संक्षिप्त शक्तियों का प्रयोग अपेक्षित है केवल तिल का ताड़ बनाना ही नहीं है अपितु उससे पूर्णत: अनुचित विज्ञापन उस बात को मिलता है जिसे उत्तर या ध्यान का भी पात्र न मानना बेहतर होता। इसके अलावा कि क्या आवेदन बुद्धिमत्तापूर्ण और समीचीन था, यह भी विनिश्चय किया
टेक्सिंग मासटरों से संबंधित शब्दों के विषय में, नि:संदेह यदि कोई वादकारी न्यायालय से यह कहे कि उसके अधिकारी भ्रष्ट हैं या कर्तव्यों का अभ्यासत: अपालन करते हैं तो न्यायालय उसे अवमान मान सकता है, यद्यपि केवल बाद वाली बात हो तो ऐसा करना बुद्धिमत्तापूर्ण नहीं होगा। किंतु जब यहां की सब परिस्थितियों पर विचार किया जाता है और विशेषत: इस बात पर ध्यान दिया जाता है कि जब यह शब्द कहे गए तब न्यायाधीश ने डांटा और न कोई टिप्पणी की, तब यह मानना असंभव है कि उन्हें इससे अधिक कुछ माना गया या मानने का आशय रखा गया कि यह व्यक्त करने का एक अकुशल तरीका है कि ऐसे मामले को जो प्रश्नगत है टक्सिंग मासटर प्राय: सरसरी तौर पर निबटा देते है। जब महाधिवक्ता ने दूसरे शब्दों की बाबत अपीलार्थी को दंडित करने के लिए आवेदन दिया तभी इसी बात की ओर ध्यान दिया गया और वह स्वयं न्यायाधीश द्वारा भी।
टेक्सिंग मासटरों से संबंधित शब्दों के विषय में, नि:संदेह यदि कोई वादकारी न्यायालय से यह कहे कि उसके अधिकारी भ्रष्ट हैं या कर्तव्यों का अभ्यासत: अपालन करते हैं तो न्यायालय उसे अवमान मान सकता है, यद्यपि केवल बाद वाली बात हो तो ऐसा करना बुद्धिमत्तापूर्ण नहीं होगा। किंतु जब यहां की सब परिस्थितियों पर विचार किया जाता है और विशेषत: इस बात पर ध्यान दिया जाता है कि जब यह शब्द कहे गए तब न्यायाधीश ने डांटा और न कोई टिप्पणी की, तब यह मानना असंभव है कि उन्हें इससे अधिक कुछ माना गया या मानने का आशय रखा गया कि यह व्यक्त करने का एक अकुशल तरीका है कि ऐसे मामले को जो प्रश्नगत है टक्सिंग मासटर प्राय: सरसरी तौर पर निबटा देते है। जब महाधिवक्ता ने दूसरे शब्दों की बाबत अपीलार्थी को दंडित करने के लिए आवेदन दिया तभी इसी बात की ओर ध्यान दिया गया और वह स्वयं न्यायाधीश द्वारा भी।
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