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MY NOTES 247 जूनियर ज्यूडिशियल असिस्टेंट हिंदी मोक टाइपिंग टेस्ट
created Dec 28th 2024, 16:10 by 12345shiv
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किसी विधिपूर्ण शक्ति का प्रयोग करने के लिए विवश करने या उसका प्रयोग अवरोधित करने के आशय से राष्ट्रपति, राज्यपाल आदि पर हमला करना जो कोई भारत के राष्ट्रपति या किसी राज्य के राज्यपाल को ऐसे राष्ट्रपति या राज्यपाल की विधिपूर्ण शक्तियों में से किसी शक्ति का किसी प्रकार प्रयोग करने के लिए या प्रयोग करने से विरत रहने के लिए उत्प्रेरित करने या विवश करने के आशय से, रिलेटेड ऐसे राष्ट्रपति या राज्यपाल पर हमला करेगा या उसका सदोष अवरोध करेगा, या सदोष अवरोध करने का प्रयत्न करेगा या उसे आपराधिक बल द्वारा या आपराधिक बल के प्रदर्शन द्वारा आतंकित करेगा, या ऐसे आतंकित करने का प्रयत्न करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि सात वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डित किया जाएगा और जुर्माने से भी, दण्डनीय होगा। केरल हाईकोर्ट ने माना है कि इस तथ्य के बावजूद कि विवाह विफल हो चुका है, यदि पति-पत्नी में से कोई एक आपसी सहमति से तलाक देने से इनकार कर रहा है तो यह दूसरे पति या पत्नी के साथ क्रूरता करने के अलावा और कुछ नहीं है। कोर्ट ने कहा कि तलाक पर कानून अलगाव के कारण के रूप में गलती और सहमति दोनों को पहचानता है। जब दोनों पक्ष विचारों के अंतर्निहित मतभेदों के कारण एक सार्थक वैवाहिक जीवन जीने में असमर्थ हैं और एक पक्ष अलगाव के लिए तैयार है और दूसरा पक्ष आपसी अलगाव के लिए अपनी सहमति नहीं दे रहा है तो यह तथ्य अलगाव की मांग करने वाले जीवनसाथी के लिए मानसिक पीड़ा और क्रूरता का कारण बनेगा। बेंच ने इस बात पूरा जोर दिया कि अगर रिश्ता पूरी तरह से खराब हो चुका है तो कोई भी व्यक्ति दूसरे व्यक्ति को कानूनी बंधन और रिश्ते में बने रहने के लिए मजबूर नहीं कर सकता है। वर्तमान मामले में पत्नी ने प्रतिवादी-पति के पक्ष में क्रूरता के आधार पर दी गई तलाक की डिक्री को चुनौती देते हुए एक अपील दायर की थी। एक अन्य अपील पति द्वारा दायर की गई थी, जिसमें उनके बच्चे की स्थायी कस्टडी की मांग वाली याचिका को खारिज करने के आदेश को चुनौती दी गई है।
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