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साँई कम्‍प्‍यूटर टायपिंग इंस्‍टीट्यूट गुलाबरा छिन्‍दवाड़ा म0प्र0 संचालक:- लकी श्रीवात्री मो0नां. 9098909565

created Dec 23rd 2024, 06:11 by Jyotishrivatri


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बहुत सालों पहले की बात है, एक छोटे गांव में किसी व्‍यापारी ने बदकिस्‍मती से एक साहूकार से बहुत ज्‍यादा पैसे ले रखे थे। साहूकार, जो पुराना और चिडचिडा था, अपने पैसो के बदले में व्‍यापारी से सौदा करना चाहता था। वो कहता था कि यदि उसकी शादी व्‍यापारी की खुबसूरत बेटी से हुई तो वह उसके द्वारा लिए पैसों को भूल जायेगा। व्‍यापारी के  इस प्रस्‍ताव से व्‍यापारी और उसकी बेटी दोनों की चिंतित थे। तभी व्‍यापारी ने कहा कि उसने एक खाली बैग में एक सफेद और एक कला कंकड रखा है। उस लड़की को बैग में से कोई भी एक कंकड निकालना था। यदि उसकी बेटी ने काला कंकड निकाला तो वह लड़की तो वह लड़की साहूकार की पत्‍नी बन जाएंगी और उसके पिता का कर्ज माफ कर दिया जायेंगा और यदि उस लड़की ने सफेद कंकड निकाला तो उस लड़की की साहूकार से शादी नहीं होगी और उसके पिता का कर्ज माफ कर दिया जायेंगा। लेकिन यदि उस लड़की ने कंकड निकालने से मना किया तो उसके पिता को जेल जाना होगा।  
उस समय पिता और बेटी व्‍यापारी कंकड भरे रास्‍ते पर खड़े थे। जैसा की साहूकार और उनके बिच सौदा हुआ था। साहूकार दो कंकड उठाने के लिए निचे झुका। जैसे ही साहूकार ने दो कंकड़ उठाये उस लड़की की तीखी नजरों को दिख गया की साहूकार ने दोनों की काले कंकड उठाये और उन्‍हें ही बैग में डाला है। और ऐसा करने के बाद साहूकार ने उस लड़की को बैग में से कोई एक कंकड चुनने कहा। उस लड़की ने बैग में हाथ डाला और कंकड़ बाहर निकाले। उसने जल्‍दी से एक कंकड़ निकाला और कंकड भरे रास्‍ते पर गिरा दिया। जल्‍द ही वह कंकड रास्‍ते पर दूसरे कंकडों में मिल गया। उस लड़की ने तुरंत कहा, ओह! मेरे हाथ से तो कंकड गिर गया। लेकिन अभी भी कोई बात नहीं, हम अभी भी बैग में जो कंकड़ बचा हुआ है उस पे पता कर सकते है की मैंने कौनसा कंकड चुना था।  
अब जब देख गया तो बैग में सिर्फ काला कंकड ही बचा हुआ था, और ऐसा माना गया कि उस लड़की ने सफेद कंकड चुना था। और तभी से साहूकार की भी धोखेबाजी करने की हिम्‍मत नहीं हुई। और लड़की ने अपने दिमाग से खुद को भी बचा लिया और अपने पिता को भी बचा लिया। और असंभव को भी संभव कर दिया।  
शिक्षा- मुसीबत चाहे कितनी भी बड़ी क्‍यू ना हो, उसका उपाय जरूर होता है। कभी-कभी मुसीबतों को हल करने के लिए हमें अलग तरीके से सोचने की जरूरत होती है।  
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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