eng
competition

Text Practice Mode

MY NOTES 247 जूनियर ज्‍यूडिशियल असिस्‍टेंट हिंदी मोक टाइपिंग टेस्‍ट

created Dec 11th, 18:05 by 12345shiv


2


Rating

329 words
97 completed
00:00
किसी मामले में यदि अपराध की घटना के बारे में इत्तिला स्‍वयं अभियुक्‍त ने की हो, तो उस दशा में उस इत्तिला का उपयोग तो उसके कथनों के खण्‍डन के लिये और अनुसमर्थन के लिये प्रयुक्‍त किया जा सकता हैं क्‍योंकि अभियुक्‍त को अभियोजन का साक्षी नहीं बनाया जा सकता है। जहां दी गई इत्तिला संस्‍वीकृति प्रकृति की है, तो उसका प्रयोग इत्तिलकार के विरूद्ध नहीं किया जा सकेगा क्‍योंकि ऐसा करना भारतीय साक्ष्‍य अधिनियम की धारा 25 के विपरीत होगा। जहां अभियुक्‍त द्वारा की गई इत्तिला संस्‍वीकृति के स्‍वरूप की हो, तो उसका उपयोग भारतीय साक्ष्‍य अधिनियम की धारा 8 के अधीन आचरण के रूप में तथा धारा 21 के अधीन स्‍वीकृति के रूप में किया जा सकता है अन्‍यथा नही। यदि पुलिस अभिरक्षा में रहते हुए कोई इत्तिला पुलिस थाने के अधिकारी को देता हैं, तो उक्‍त इत्तिला का केवल उतना ही भाग जिससे भौतिक तथ्‍य का पता चलता हो, भारतीय साक्ष्‍य अधिनियम की धारा 27 के अधीन होगा। मामले में उच्‍चतम न्‍यायालय ने अभिनिर्धारित किया है कि आहत व्‍यक्ति द्वारा अन्‍वेषण अधिकारी से किए गए कथन उसके द्वारा दर्ज कराई गई प्रथम इत्तिला रिपोर्ट के रूप में नहीं होगी। पुलिस थाने का भारसाधक अधिकारी इस धारा के भावाबोध में पुलिस थाने का भारसाधक अधिकारी नहीं माना जाएगा। अत: वह प्रथम सूचना प्रतिवेदन के अभिलेख का अधिकारी नहीं होगा। जब कोई रिपोर्ट घटना स्‍थल के निकट के तहसीलदार को गई हो, तो वह वह इस धारा के भावाबोध मे पुलिस सूचना रिपोर्ट नहीं मानी जाएगी क्‍योंकि तहसीलदार को भारसाधक अधिकारी की कोटि में नहीं रखा जा सकता है। धारा 154 के अधीन संज्ञेय अपराध के संदर्भ में की जाने वाली रिपोर्ट पुलिस थाने के भारसाधक अधिकारी से निम्‍न श्रेणी के पुलिस अधिकारी द्वारा अभिलिखित नहीं की जा सकती है। यदि थाने का भारसाधक अधिकारी पुलिस थाने से परे हो, तो उक्‍त पद थाने के हेड-कानेस्‍टेबिल द्वारा धारित किया जा सकता है। तथा हेड-कानेस्‍टेबिल द्वारा पुलिस को दी गयी इत्तिला का अभिलेखन किया जा सकेगा।

saving score / loading statistics ...