eng
competition

Text Practice Mode

साँई कम्‍प्‍यूटर टायपिंग इंस्‍टीट्यूट गुलाबरा छिन्‍दवाड़ा म0प्र0 संचालक:- लकी श्रीवात्री मो0नां. 9098909565

created Nov 27th, 04:17 by Jyotishrivatri


2


Rating

335 words
35 completed
00:00
मथुरा का जब भी जिक्र होता है मेरी आंखों के पर्दे पर भगवान श्रीकृष्‍ण की बाल लीला का दृश्‍य अनायास ही उभर आता है। इस बार भी यही हुआ। फिर क्‍या था कि दिल्‍ली से ट्रेन पकड़कर मथुरा पहुंचा और फिर वृन्‍दावन। पौराणिक मान्‍यता हैं कि इस जगह पर भगवान श्रीकृष्‍ण ने अपने बचपन के दिन बिताए थे। इसकी वजह से इस सम्‍पूर्ण क्षेत्र को ब्रज भूमि कहा जाता है। आगरा-दिल्‍ली राजमार्ग पर स्थित इस जगह पर पहुंचने के लिए कोई सीधी सुविधा तो नहीं है, बावजूद इसके यह देश के कई प्रमुख मार्गो से जुड़ा हुआ है और यहां आसानी से पहुंचा जा सकता है। राधा और श्री कृष्‍ण की पूजा के लिए समर्पित यह जगह एक तरह से मंदिरों का गढ़ है। इस जगह पर छोटे और बड़े हजारों मंदिर स्थित हैं और यहां पूरे साल पर्यटकों का आना-जाना लगा रहता है। ऐसे में अगर मौका कृष्‍ण जन्‍माष्‍टमी पर्व का हो तो पर्यटकों की आवाजाही ज्‍यादा बढ़ जाती है।  
पौराणिक स्‍थल होने के कारण इस जगह का इतिहास भी काफी खूबसूरत और समृद्ध है। ऐसा माना जाता है कि वल्‍लभाचार्य 11 वर्ष की उम्र में वृंदावन आए थे। वे इस जगह के महत्‍व को रेखांकित करने के लिए देश भर में नंगे पांव घूमे और प्रचार करते रहे। इससे इस जगह की धार्मिक स्‍थापना में विशिष्‍ट भूमिका रही। इस जगह से चैतन्‍य महाप्रभु का भी जुड़ाव रहा है। यहां मीराबाई और उनके कृष्‍ण प्रेम का भी जिक्र होता है। मीरा काफी समय तक प्रभु की भक्ति में लीन रहने के पश्‍चात मेवाड़ छोड़ कर वृंदावन गई थी। इसी तरह सूरदास और स्‍वामी हरिदास के नाम भी वृन्‍दावन से जुड़े हुए है। मैं बाके बिहारी मंदिर गया। यह राजस्‍थानी शैली में बना मंदिर श्री कृष्‍ण को समर्पित है तथा देश के प्रतिष्ठित मंदिरों में से एक है। इसमें भगवान श्री कृष्‍ण की छवि एक बच्‍चे के रूप में दिखाई देती है। इसी तरह प्रेम मंदिर अपने स्‍थापत्‍य और सुंदरता के लिए जाना जाता है। यह मंदिर राधा-कृष्‍ण और सीता-राम को समर्पित है।   

saving score / loading statistics ...