eng
competition

Text Practice Mode

साँई कम्‍प्‍यूटर टायपिंग इंस्‍टीट्यूट गुलाबरा छिन्‍दवाड़ा म0प्र0 संचालक:- लकी श्रीवात्री मो0नां. 9098909565

created Today, 04:16 by rajni shrivatri


5


Rating

309 words
125 completed
00:00
आपातकालीन सेवाओं का संचालन निर्बाध रहे, यह तय करना प्रत्‍येक नागरिक की जिम्‍मेदारी है। खास तौर से एम्‍बुलेंस, फायर ब्रिगेड, चिकित्‍सा पुलिस जैसी सेवाएं हमारे जीवन में काफी महत्‍व रखती है। ऐसे में इनसे जुड़े कार्यो में अड़चन किसी भी कीमत पर बर्दाश्‍त नहीं की जा सकती। केरल में एम्‍बुलेंस को रास्‍ता नहीं देने वाले कार चालक का ड्राइविंग लाइसेंस रद्द करने की कार्रवाई को एक नजीर के रूप में देखा जाना चाहिए, क्‍योंकि मरीज के जीवन को बचाने के लिए एम्‍बुलेंस का हर पल काफी कीमती होता है। यातायात में फंसे होने पर रोगी की जान को गंभीर खतरा हो सकता है।  
हमारे देश में मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 194-ई  के तहत एम्‍बुलेंस को रास्‍ता देने पर सजा का प्रावधान है। जुर्माने के साथ-साथ ड़ाइविंग लाइसेंस को अस्‍थायी रूप से निलंबित भी किया जा सकता है। हाल ही में केरल के त्रिशूर की घटना में एक कार चालक की उस हरकत का वीडियो वायरल हुआ जिसमें वह एम्‍बुलेंस को जान-बूझ कर पीछे रोके नजर आता है। इतना ही नहीं एम्‍बुलेंस चालक के लगातार हॉन बजाने और कई बार ओवरटेक करने की कोशिश के बावजूद कार चालक ने उसे आगे नहीं आने दिया। परिवहन अधिकारियों ने इसे गंभीरता से लेते हुए कार चालक पर केवल जुर्माना लगाया बल्कि चालक का लाइसेंस रद्द ही कर दिया। ड्राइविंग लाइसेंस रद्द करने का निर्णय यों तो एक कठोर कदम प्रतीत हो सकता है, लेकिन इस कार्रवाई को आपातकालीन सेवाओं की प्राथमिकता सुनिश्चित करने के लिए एक प्रभावी उपाय माना जाना चाहिए। ऐसे कदम केवल वाहन चालकों के लिए सड़क पर अनुशासन बनाए रखने को पाबंद करने वाले होते है, बल्कि इससे यह भी जाहिर होता है कि जीवन रक्षा से जुड़ी एम्‍बुलेंस जैसी सेवाओं का कितना महत्‍व है। हालांकि कठोरता से ऐसे प्रावधान भले ही लागू किए जाएं लेकिन निष्‍पक्षता का ध्‍यान भी रखना होगा।  

saving score / loading statistics ...