eng
competition

Text Practice Mode

MY NOTES 247 जूनियर ज्‍यूडिशियल असिस्‍टेंट हिंदी मोक टाइपिंग टेस्‍ट 9*

created Nov 20th, 05:49 by 12345shiv


4


Rating

304 words
27 completed
00:00
4 अप्रैल 2014 के एक फैसले में उच्‍च न्‍यायालय ने कहा कि प्रतिवादी केवल अपनी सेवाओं की सुरक्षा की मांग कर रहा था और अनुसूचित जनजाति से संबंधि होने का दावा छोड़न को तैयार था। अपने फैसले में, उच्‍च न्‍यायालय ने प्रतिवादी के तर्क को स्‍वीकार कर लिया और माना कि वह निरंतरता के साथ सेवाओं की सुरक्षा के हकदार हैं, जबकि प्रबंधन को 28 सितंबर 2000 के बाद दिए गए ऐसे लाभों को वापस लेने की स्‍वतंत्रता होगी। नियोक्‍ता ने एक विशेष अनुमति याचिका दायर की और 11 अगस्‍त 2014 के अंतरिम आदेश के अनुसरण में, प्रतिवादी को सेवा में बहाल कर दिया गया और उसे आगे की पदोन्‍नति दी गई। अंतत: उनकी सेवानिवृत्ति पर प्रतिवादी को ग्रेच्‍युटी, वेतन संशोधन के बकाया, चिकित्‍सा प्रतिपूर्ति, छुट्टी नकदीकरण, अंशदायी भविष्‍य निधि और उत्‍पादकता से जुड़ी प्रोत्‍साहन सहित उनके टर्मिनल लाभ प्रदान किए गए। अपीलकर्ता को 2 जुलाई 1991 को एक जाति प्रमाण पत्र के आधार पर अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित पद पर चौथे प्रतिवादी हाई स्‍कूल में एक जूनियर लेक्‍चरर के रूप में नियुक्‍त किया गया था जिसमें कहा गया था कि वह हलवा अनुसूचित जनजाति से संबंधित है जांच समिति ने 8 नवंबर 2012 के अपने आदेश द्वारा अपीलकर्ता के जाति दो को अमान्‍य कर दिया। उच्‍च न्‍यायालय ने अपने विवादित निर्णय और दिनांकित आदेश द्वारा सेवाओं की सुरक्षा प्रदान करने से इनकार कर दिया। अपीलकर्ता ने समीक्षा की अपील की जिसे उच्‍च न्‍यायालय ने 10 मई 2013 के अपने आदेश द्वारा खारिज कर दिया। अभियोजन पक्ष मौखिक या दस्‍तावेजी कोई भी साक्ष्‍य रिकॉर्ड पर नहीं ला पाया है जो अभियुक्‍त की ओर से कोई सक्रिय कृत्‍य या कोई सीधा कृत्‍य दिखा सके जिसके कारण मृतका ने कोई विकल्‍प देखते हुए आत्‍महत्‍या कर ली या अभियुक्‍त की ओर से ऐसा कोई कृत्‍य जिससे वह मृतका को ऐसी स्थिति में धकेलना चाहता हो।

saving score / loading statistics ...