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साँई कम्प्यूटर टायपिंग इंस्टीट्यूट गुलाबरा छिन्दवाड़ा म0प्र0 संचालक:- लकी श्रीवात्री मो0नां. 9098909565
created Oct 25th, 04:30 by lucky shrivatri
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माता-पिता को अब घर से निकाला या उनको वृद्धाश्रम जाने के लिए मजबूर किया तो घर में लगे पेयजल कनेक्शन से हाथ धोना पड़ेगा। नामांकन भी नहीं होगा। इसके अलावा पूर्व में अगर कोई नामांकन परिवार के वृद्ध से कराया है तो उसको भी निरस्त कर दिया जाएगा।
बुजुर्गो विशेषकर घर में सताए हुए वृद्धों के दुखों को कम करने की इस नवाचारी पहल की को रतलाम नगर निगम नवंबर में करने जा रहा है। इसके साथ ही रतलाम नगर निगम देश का पहला निगम बन जाएगा, जो यह पहल कर रहा है। निगम के जिम्मेदारों को इस पहल का ख्याल शहर में चल रहे तीन वृद्धाश्रमों को देखकर आया। धोलावाड़ का ईश प्रेम बस्ती विरियाखेड़ी का वृद्धाश्रम व सिलावटों का वास का अन्न क्षेत्र तीनों जगह मिलाकर करीब 200 से अधिक ऐसे वृद्ध रहते है जिनको उनके बेटे-बेटियों से घर से निकाल दिया है। परिवार के वृद्ध की कद्र की जाए, उनको सम्मान दिया जाए, घर से नहीं निकाला जाए, इसलिए ही पूरी योजना नगर निगम ने बनाई है।
वृद्धों का आसरा ना छिन पाए इसलिए योजना की बुनियादी रख ली गई है। इसका सकारात्मक असर आने पर पूरे प्रदेश में याजना का प्रसार होगा। सरकार ने एक तरह से इसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर स्वीकार कर लिया है। इस बारे में महापौर प्रहलाद ने कुद दिन पहले उज्जैन में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से मुलाकात कर चर्चा की थी।
योजना अनुसार जिन वृद्धों को परिवार के सदस्यों ने घर से निकालाया वृद्धाश्रम जाने को मजबूर किया है, ऐसे लोगों को सिर्फ नगर निगम को सूचित करना होगा। इसके आधार पर आवेदन की प्रक्रिया हो जाएगी। अगले चरण में निगम के कर्मचारी परिवार के सदस्यों से बात करेंगे। अगर वे वृद्ध को घर में लेने से इंकार करते हैं तो नल कलेक्शन भले पूरा टैक्स भरा हुआ हो, काट दिया जाएगा। इसके अलावा नामांतरण भी निरस्त करने की प्रक्रिया चलेगी।
नवाचारी पहल पर निगम ने प्रस्ताव बना लिया है, जिसे दिवाली पूर्व एमआइसी में लाया जाएगा। योजना का खाका भी बन गया है। शहर में हाल ही में आवासों की गणना हुई है, इस
गणना के साथ-साथ यह भी देखा गया है कि कितने परिवार में वृद्ध है।
बुजुर्गो विशेषकर घर में सताए हुए वृद्धों के दुखों को कम करने की इस नवाचारी पहल की को रतलाम नगर निगम नवंबर में करने जा रहा है। इसके साथ ही रतलाम नगर निगम देश का पहला निगम बन जाएगा, जो यह पहल कर रहा है। निगम के जिम्मेदारों को इस पहल का ख्याल शहर में चल रहे तीन वृद्धाश्रमों को देखकर आया। धोलावाड़ का ईश प्रेम बस्ती विरियाखेड़ी का वृद्धाश्रम व सिलावटों का वास का अन्न क्षेत्र तीनों जगह मिलाकर करीब 200 से अधिक ऐसे वृद्ध रहते है जिनको उनके बेटे-बेटियों से घर से निकाल दिया है। परिवार के वृद्ध की कद्र की जाए, उनको सम्मान दिया जाए, घर से नहीं निकाला जाए, इसलिए ही पूरी योजना नगर निगम ने बनाई है।
वृद्धों का आसरा ना छिन पाए इसलिए योजना की बुनियादी रख ली गई है। इसका सकारात्मक असर आने पर पूरे प्रदेश में याजना का प्रसार होगा। सरकार ने एक तरह से इसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर स्वीकार कर लिया है। इस बारे में महापौर प्रहलाद ने कुद दिन पहले उज्जैन में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से मुलाकात कर चर्चा की थी।
योजना अनुसार जिन वृद्धों को परिवार के सदस्यों ने घर से निकालाया वृद्धाश्रम जाने को मजबूर किया है, ऐसे लोगों को सिर्फ नगर निगम को सूचित करना होगा। इसके आधार पर आवेदन की प्रक्रिया हो जाएगी। अगले चरण में निगम के कर्मचारी परिवार के सदस्यों से बात करेंगे। अगर वे वृद्ध को घर में लेने से इंकार करते हैं तो नल कलेक्शन भले पूरा टैक्स भरा हुआ हो, काट दिया जाएगा। इसके अलावा नामांतरण भी निरस्त करने की प्रक्रिया चलेगी।
नवाचारी पहल पर निगम ने प्रस्ताव बना लिया है, जिसे दिवाली पूर्व एमआइसी में लाया जाएगा। योजना का खाका भी बन गया है। शहर में हाल ही में आवासों की गणना हुई है, इस
गणना के साथ-साथ यह भी देखा गया है कि कितने परिवार में वृद्ध है।
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