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साँई कम्‍प्‍यूटर टायपिंग इंस्‍टीट्यूट गुलाबरा छिन्‍दवाड़ा म0प्र0 संचालक:- लकी श्रीवात्री मो0नां. 9098909565

created Oct 24th, 04:28 by lovelesh shrivatri


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भारत में उच्‍चतम न्‍यायालय ने लाइट हाउस ऑफ डेमोक्रेसी का काम किया है। जस्टिस वी. आर. कृष्‍णा ने अपनी एक किताब में लिखा था कि लोकतंत्र रूपी जहाज में हर कोई क्रू है। यानी लोकतंत्र में हर नागरिक महत्‍वूपर्ण हैं, वह देश की सेव के लिए तत्‍पर रहे। लोगों के लिए लोगों की और लोगों के द्वारा चलने वाली शासन व्‍यवस्‍था लोकतंत्र है। लोकतंत्र में हर नागरिक की बराबर की हिस्‍सेदारी हैं, उसके फायदे नुकसान, चुनौतियों और अवसरों में भी वह समान रूप से भागीदार है। सबकी भागीदारी से ही लोकतंत्र मजबूत होगा।  
सवाल यह है कि लोकतांत्रिक देश के रूप में हम कहां खड़े है। हमारा लोकतंत्र चेक एंड बैलेस के सिस्‍टम पर आधारित है। यही वजह है कि आज भारत दुनिया में उस स्‍थान पर खड़ा है, जहां बहुत कम देश पहुंच पाए है। इस स्‍थान पर ज्‍यादातर वे देश पहुंच हैं, जो बहुत लंबे समय से विकास और लोकतांत्रिक शासन के रास्‍ते पर है। यदि हम अपने आसपास के देशों से तुलना करें तो भारत की स्थिति बहुत मजबूत नजर आती है।  
भारत के एक हजार के इतिहास पर नजर डालें तो पता चलता हैं कि भारत को ज्‍यादातर समय लूटा-खसोटा गया। भारत में लोकतांत्रिक शासन की स्‍थापना तो 75 साल पहले ही हुई है। इस दौरान जो दूसरे देश आजाद हुए और जिन्‍होंने लोकतंत्र की राह पर आगे बढ़ने की कोशिश की, उन देशों से तुलना करें। उदाहरण के तौर पर पाकिस्‍तान में एक भी ऐसा निर्वाचित मुखिया नहीं है जो चुनाव के जरिया सत्ता से बाहर किया गया हो। पाकिस्‍तान की डेमोक्रेसी इतनी डांवाडोल रही है इतनी समस्‍याग्रस्‍त रही है कि देश का विकास बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। जो चीज हम छोटे स्‍वरूप में परिवार में चाहते हैं वही बड़े स्‍वरूप में देश के लिए फायदेमंद हो सकती है। परिवार में बुजुर्गो की सलाह महत्‍वपूर्ण होती है, उनका पूरा ध्‍यान रखा जाना चाहिए।    

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