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साँई कम्प्यूटर टायपिंग इंस्टीट्यूट गुलाबरा छिन्दवाड़ा म0प्र0 संचालक:- लकी श्रीवात्री मो0नां. 9098909565
created Oct 16th, 09:03 by rajni shrivatri
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गोपाल के घर पांच भैंस और एक गाय थी। वह सभी भैसों की दिनभर देखभाल किया करता था। उनके लिए दूर-दूर से हरी-हरी घास काटकर लाया करता और उनको खिलाता। गाय, भैंस गोपाल की सेवा से खुश थी। सुबह-शाम इतना दूध हो जाता गोपाल का परिवार उस दूध को बेचने पर विवश हो जाता। पूरे गांव में गोपाल के घर से दूध बिकने लगा। अब गोपाल को काम करने में और मजा आ रहा था, क्योंकि इससे उसकी आर्थिक स्थिति भी मजबूत हो रही थी। कुछ दिनों से गोपाल परेशान होने लगा, क्योंकि उसके रसोईघर में एक बड़ी सी बिल्ली ने आखें जमा ली थी। गोपाल जब भी दूध को रसोई घर में रखकर निश्चित होता। बिल्ली दूध पी जाती और उन्हें जूठा भी कर जाती। गोपाल ने कई बार उस बिल्ली को भगाया और मारने के लिए दौड़ाया, किंतु बिल्ली झटपट दीवार चढ़ जाती और भाग जाती।
एक दिन गोपाल ने परेशान होकर बिल्ली को सबक सिखाने की सोची। जूट की बोरी का जाल बिछाया गया जिससे बिल्ली आसानी से फंस गई। अब क्या था गोपाल ने पहले डंडे से उसकी पिटाई करने की सोची। बिल्ली इतना जोर-जोर से झपट रही थी गोपाल उसके नजदीक नहीं जा सका। किंतु आज सबक सिखाना था, गोपाल ने एक माचिस की तीली जलाई और उस बोरे पर फेंक दिया। देखते ही देखते बोरा धू-धू कर जलने लगा, बिल्ली अब पूरी शक्ति लगाकर भागने लगी। बिल्ली जिधर-जिधर भागती वह आग लगा बोरा उसके पीछे-पीछे होता। देखते ही देखते बिल्ली पूरा गांव दौड गई। पूरे गांव से आग लगी बुझाओ इस प्रकार की आवाज उठने लगी। बिल्ली ने पूरा गांव जला दिया। गोपाल का घर भी नहीं बच पाया था।
निष्कर्ष- आवेग और स्वयं की की गलती का फल खुद को तो भोगना पड़ता ही है, साथ में दूसरे लोग भी उसकी सजा भुगतते है।
एक दिन गोपाल ने परेशान होकर बिल्ली को सबक सिखाने की सोची। जूट की बोरी का जाल बिछाया गया जिससे बिल्ली आसानी से फंस गई। अब क्या था गोपाल ने पहले डंडे से उसकी पिटाई करने की सोची। बिल्ली इतना जोर-जोर से झपट रही थी गोपाल उसके नजदीक नहीं जा सका। किंतु आज सबक सिखाना था, गोपाल ने एक माचिस की तीली जलाई और उस बोरे पर फेंक दिया। देखते ही देखते बोरा धू-धू कर जलने लगा, बिल्ली अब पूरी शक्ति लगाकर भागने लगी। बिल्ली जिधर-जिधर भागती वह आग लगा बोरा उसके पीछे-पीछे होता। देखते ही देखते बिल्ली पूरा गांव दौड गई। पूरे गांव से आग लगी बुझाओ इस प्रकार की आवाज उठने लगी। बिल्ली ने पूरा गांव जला दिया। गोपाल का घर भी नहीं बच पाया था।
निष्कर्ष- आवेग और स्वयं की की गलती का फल खुद को तो भोगना पड़ता ही है, साथ में दूसरे लोग भी उसकी सजा भुगतते है।
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