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श्री बागेश्वर अकेडमी टीकमगढ़ (म.प्र) मों-6232538946
created Jul 31st 2024, 10:31 by Nitin tkg
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राजा नाम का एक लड़का बहोत दिन से सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहा था। अंत में उसे स्कूल टीचर की नौकरी लग गई। जिस स्कूल में उसे पढ़ाने जाना था वो शहर से काफी दूर एक गांब में था। इशलिये उसे गांब के आसपास ही किराए पर एक घर लेना पड़ा। लेकिन वो घर भी स्कूल से काफी दूर था।
राजा रोज पैदल स्कूल आने जाने लगा। कुछ महीने बाद जब उसके पास अच्छे खासे पैसे जमा हो गए, तो उसने उस पैसे से एक बाइक खरीद ली ताकि और उसे पैदल स्कूल न जाना पड़े।
राजा जब भी स्कूल जाता और रास्ते में कोई उसे पैदल दिख जाता तो वो उसे अपने बाइक पर लिफ्ट दे देता। स्कूल से वापस आते समय भी राजा वही करता। ऐसा एक भी दिन न हो जिसदिन उसने किसी को अपने बाइक पे बिठाये बिना स्कूल गया हो या फिर वापस अपना घर आया हो। उससे जितना हो सकता वो सबकी मदद करने की कोसिस करता।
एकदिन जब राजा स्कूल से घर जा रहा था तो उसे एक आदमी रास्ते पर अकेले पैदल चलता दिखा। उसने रोज की तरह उस आदमी के पास जाकर बोला की आप मेरे बाइक पर बैठ जाइये, मैं इसी रास्ते से जा रहा हूँ आपको आगे छोड़ दूंगा। वो आदमी खुसी खुसी बैठ गया।
कुछ दूर चलते ही राजा को महसूस हुवा की उसकी पीठ पर नोखिला कुछ चुभ रहा है। अचानक वो आदमी राजा से कहने लगा गारी साइड में लगाओ और पैदल घर चले जाओ। उस आदमी के पास एक बड़ा सा चाकू था। राजा डर गया और गारी रास्ते के साइड में लगा दिया।
फिर वो आदमी बाइक लेकर चला गया। और राजा भी अपने किस्मत को कोसते कोसते घर जाकर सो गया। राजा बोहोत दुखी था और भगवान से बार बार ये कह रहा था की मैंने तो सबकी मदद करना चाहा है फिर मेरे साथ ऐसा क्यों हुवा। अगले दिन जब वो सो कर उठा तो उसने देखा की उसकी बाइक घर के बाहर खड़ी है और उसपे एक चिट्ठी भी रखी है।
जब उसने चिट्ठी को खोल के पढ़ना सुरु किया तो उसमे लिखा था – मास्टर जी मुझे माफ़ कर देना, मुझे पता नहीं था आपकी बाइक आस-पास की गांब में इतनी पॉपुलर है। जिसने भी मुझे इस बाइक पर देखा उस्सने ही मुझसे पूछा की ये तो मास्टर जी की बाइक है, तुझे ये कहाँ से मिला। सबको पता चल गया की मैंने आपकी बाइक चोरी की है। इशलिये मैं आपको आपका बाइक लौटा रहा हूँ। हो सके तो मुझे माफ़ कर देना।
इस चिट्ठी को पढ़ने के बाद राजा बहोत खुश हुवा और भगवान का धन्यवाद किया। उसे ये बिस्वास हो गया की भगवन हमेशा अच्छे के साथ अच्छा ही करता है।
राजा रोज पैदल स्कूल आने जाने लगा। कुछ महीने बाद जब उसके पास अच्छे खासे पैसे जमा हो गए, तो उसने उस पैसे से एक बाइक खरीद ली ताकि और उसे पैदल स्कूल न जाना पड़े।
राजा जब भी स्कूल जाता और रास्ते में कोई उसे पैदल दिख जाता तो वो उसे अपने बाइक पर लिफ्ट दे देता। स्कूल से वापस आते समय भी राजा वही करता। ऐसा एक भी दिन न हो जिसदिन उसने किसी को अपने बाइक पे बिठाये बिना स्कूल गया हो या फिर वापस अपना घर आया हो। उससे जितना हो सकता वो सबकी मदद करने की कोसिस करता।
एकदिन जब राजा स्कूल से घर जा रहा था तो उसे एक आदमी रास्ते पर अकेले पैदल चलता दिखा। उसने रोज की तरह उस आदमी के पास जाकर बोला की आप मेरे बाइक पर बैठ जाइये, मैं इसी रास्ते से जा रहा हूँ आपको आगे छोड़ दूंगा। वो आदमी खुसी खुसी बैठ गया।
कुछ दूर चलते ही राजा को महसूस हुवा की उसकी पीठ पर नोखिला कुछ चुभ रहा है। अचानक वो आदमी राजा से कहने लगा गारी साइड में लगाओ और पैदल घर चले जाओ। उस आदमी के पास एक बड़ा सा चाकू था। राजा डर गया और गारी रास्ते के साइड में लगा दिया।
फिर वो आदमी बाइक लेकर चला गया। और राजा भी अपने किस्मत को कोसते कोसते घर जाकर सो गया। राजा बोहोत दुखी था और भगवान से बार बार ये कह रहा था की मैंने तो सबकी मदद करना चाहा है फिर मेरे साथ ऐसा क्यों हुवा। अगले दिन जब वो सो कर उठा तो उसने देखा की उसकी बाइक घर के बाहर खड़ी है और उसपे एक चिट्ठी भी रखी है।
जब उसने चिट्ठी को खोल के पढ़ना सुरु किया तो उसमे लिखा था – मास्टर जी मुझे माफ़ कर देना, मुझे पता नहीं था आपकी बाइक आस-पास की गांब में इतनी पॉपुलर है। जिसने भी मुझे इस बाइक पर देखा उस्सने ही मुझसे पूछा की ये तो मास्टर जी की बाइक है, तुझे ये कहाँ से मिला। सबको पता चल गया की मैंने आपकी बाइक चोरी की है। इशलिये मैं आपको आपका बाइक लौटा रहा हूँ। हो सके तो मुझे माफ़ कर देना।
इस चिट्ठी को पढ़ने के बाद राजा बहोत खुश हुवा और भगवान का धन्यवाद किया। उसे ये बिस्वास हो गया की भगवन हमेशा अच्छे के साथ अच्छा ही करता है।
