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सूरजभान अहिरवार
created Jul 31st 2024, 07:47 by SURAJBHAN AHIRWAR
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यदि आपको जीवन में अनुशासन का सही उदाहरण देखना हो तो एक सैनिक से जरुर मिलें। उनका अपने देश के लिए पागलपन देखते
बनता है। उनका अनुशासन उनको अपने घर परिवार से दूर तो रखता ही है साथ ही साथ भोजन नींदनीं और आराम को भी छोडना
पडता है। वाकई यह किसी साधना से कम नहीं।हीं हम सब भले देश प्रेम के नाम पर झंडा फहराने मात्र से अधिक और कुछ नहीं करते।
परंतु एक सैनिक से कभी पूछें कि देश प्रेम कैसा होता है शायद उसकी बातों पर आपको यकीन न हो पर वे सही मायनों में आपको
समझा देंगे। हमारे जवान पूरे देश में पूरे साल वर्दी पहने अपना कर्म करते हैं और अपनी जान कि चिंता किए बगैर हमारी हिफाजत
करते हैं। सैनिकों का जीवन बहुत ही कठिन होता है और एक सिपाही बनना सब के बस की बात नहीं होती। सैनिकों को कठिन
प्रशिक्षण से गुजरना पडता है और कई बार ऐसा देखा गया है कि कुछ लोग ट्रेनिंग छोड के भाग आते हैं। सूरज के निकलने से पहले
जागने से लेकर पूरे दिन बहुत दौडाया जाता है। शायद यही वजह है कि उनके भरती प्रक्रिया के दौरान होने वाली शारीरिक परीक्षा
बहुत कठिन होती है और अधिकतर जवान इसमें बाहर हो जाते हैं। उनके कंधों पर आगे चल कर देश कि सुरक्षा का भार रहता है
इसलिए ऐसा करना जरूरी भी होता है। हमारे पर्व की रौनक फीकी न पडे इसके लिए अधिकतर पर्व पर उनकी तैनाती भीड भाड वाले
इलाकों पर कर दी जाती है। वे सदैव देश के लिए जीते हैं और कई बार अपना फर्ज निभाते निभाते शहीद भी हो जाते हैं। उनका देश के
लिए जोश देखने लायक होता है। सैनिक रोजाना देश हित की प्रतिज्ञा लेते हैं और अपने फर्ज का पालन भी करते हैं। जैसा कि कहा
जाता है कि कार्य ही पूजा है हमारे सैनिक इस बात को बडी ही सही तरह से निभाते हैं। यह सब उनका अपने देश के लिए प्रेम ही है जो
वे अपनी जान तक की चिंता नहीं करते। सैनिकों को खुद नहीं पता होता कि कब उनकी तैनाती कहां हो जाएगी। वे हर परेशानी के
लिए तैयार रहते है। सैनिक बनना सब के बस की बात नहीं और न ही उनके जितना तप सब कर सकते हैं। यह उनका अपने देश के
लिए प्रेम ही होता है जो वे उसके लिए मर मिटने के लिए भी तैयार रहते हैं। सैनिक कई प्रकार के होते हैं जैसे कि भारत में थल सेना वायु
सेना और जल सेना में विभाजित किया गया है। सभी मिलकर भारतीय सेना कहलाते हैं और हर एक सेना हमारी रक्षा करती है। जैसे
कि वायु सेना आसमान से हमारी रक्षा करती है तो वहीं थल सेना हमारे बीच रह कर। सेना का प्रमुख कर्म देश कि रक्षा करना और
इसकी अखंडता को बनाए रखने के साथ साथ किसी भी विपदा जैसे कि प्राकृतिक आपदा भूकंप आग लगना आदि में लोगों कि
सहायता करना है। इसके साथ ही किसी खास उपलक्ष पर एकत्रित हो रही भीड को भी सुनियोजित करना। सैनिकों का जीवन जीना
कोई आसान कार्य नहीं है और हम जब और कुछ नहीं कर सकते तो कम से कम एक ईमानदार नागरिक बन उनकी सहायता कर
सकते हैं। हमेशा उनका आदर करें और जब आप अपना खुशियां मनाएं तो उस में सैनिकों को भी शामिल करना न भूलें।
बनता है। उनका अनुशासन उनको अपने घर परिवार से दूर तो रखता ही है साथ ही साथ भोजन नींदनीं और आराम को भी छोडना
पडता है। वाकई यह किसी साधना से कम नहीं।हीं हम सब भले देश प्रेम के नाम पर झंडा फहराने मात्र से अधिक और कुछ नहीं करते।
परंतु एक सैनिक से कभी पूछें कि देश प्रेम कैसा होता है शायद उसकी बातों पर आपको यकीन न हो पर वे सही मायनों में आपको
समझा देंगे। हमारे जवान पूरे देश में पूरे साल वर्दी पहने अपना कर्म करते हैं और अपनी जान कि चिंता किए बगैर हमारी हिफाजत
करते हैं। सैनिकों का जीवन बहुत ही कठिन होता है और एक सिपाही बनना सब के बस की बात नहीं होती। सैनिकों को कठिन
प्रशिक्षण से गुजरना पडता है और कई बार ऐसा देखा गया है कि कुछ लोग ट्रेनिंग छोड के भाग आते हैं। सूरज के निकलने से पहले
जागने से लेकर पूरे दिन बहुत दौडाया जाता है। शायद यही वजह है कि उनके भरती प्रक्रिया के दौरान होने वाली शारीरिक परीक्षा
बहुत कठिन होती है और अधिकतर जवान इसमें बाहर हो जाते हैं। उनके कंधों पर आगे चल कर देश कि सुरक्षा का भार रहता है
इसलिए ऐसा करना जरूरी भी होता है। हमारे पर्व की रौनक फीकी न पडे इसके लिए अधिकतर पर्व पर उनकी तैनाती भीड भाड वाले
इलाकों पर कर दी जाती है। वे सदैव देश के लिए जीते हैं और कई बार अपना फर्ज निभाते निभाते शहीद भी हो जाते हैं। उनका देश के
लिए जोश देखने लायक होता है। सैनिक रोजाना देश हित की प्रतिज्ञा लेते हैं और अपने फर्ज का पालन भी करते हैं। जैसा कि कहा
जाता है कि कार्य ही पूजा है हमारे सैनिक इस बात को बडी ही सही तरह से निभाते हैं। यह सब उनका अपने देश के लिए प्रेम ही है जो
वे अपनी जान तक की चिंता नहीं करते। सैनिकों को खुद नहीं पता होता कि कब उनकी तैनाती कहां हो जाएगी। वे हर परेशानी के
लिए तैयार रहते है। सैनिक बनना सब के बस की बात नहीं और न ही उनके जितना तप सब कर सकते हैं। यह उनका अपने देश के
लिए प्रेम ही होता है जो वे उसके लिए मर मिटने के लिए भी तैयार रहते हैं। सैनिक कई प्रकार के होते हैं जैसे कि भारत में थल सेना वायु
सेना और जल सेना में विभाजित किया गया है। सभी मिलकर भारतीय सेना कहलाते हैं और हर एक सेना हमारी रक्षा करती है। जैसे
कि वायु सेना आसमान से हमारी रक्षा करती है तो वहीं थल सेना हमारे बीच रह कर। सेना का प्रमुख कर्म देश कि रक्षा करना और
इसकी अखंडता को बनाए रखने के साथ साथ किसी भी विपदा जैसे कि प्राकृतिक आपदा भूकंप आग लगना आदि में लोगों कि
सहायता करना है। इसके साथ ही किसी खास उपलक्ष पर एकत्रित हो रही भीड को भी सुनियोजित करना। सैनिकों का जीवन जीना
कोई आसान कार्य नहीं है और हम जब और कुछ नहीं कर सकते तो कम से कम एक ईमानदार नागरिक बन उनकी सहायता कर
सकते हैं। हमेशा उनका आदर करें और जब आप अपना खुशियां मनाएं तो उस में सैनिकों को भी शामिल करना न भूलें।
