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साँई कम्प्यूटर टायपिंग इंस्टीट्यूट गुलाबरा छिन्दवाड़ा म0प्र0 संचालक:- लकी श्रीवात्री मो0नां. 9098909565
created Apr 24th, 05:00 by lovelesh shrivatri
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धरती उनकी माता आकाश उनके पिता की गोद में सांईबाबा प्रकट हुए। संतों की कोई जाति नहीं होती, दया, शांति, धर्म ये ही संतों का धर्म है। दीन दयालु, प्यार का सारगर बनकर सांई भक्तों के लिये इस संसार में प्रकट हुए। सबका मालिक एक है, कह गये सांई बाबा। सांई बाबा का मंत्र है, श्रद्धा और सबूरी। जो व्यक्ति श्रद्धा और धीरज रखता है उसे सांई बाबा जरूर मदद करते हैं, कल को भूल जाओं और आज में जीना चाहिए ये सांई बाबा ने सिखाया है। अपनी अंतर आत्मा की आवाज सुनकर ईश्वर में ध्यान लगाकर साधना पथ को अपनाना चाहिये। सांई की भक्ति की धूनी मन में रमाना चाहिए। ईश्वर को बाहर ढूँढने की आवश्यकता नहीं वो तो अपने मन में बसा हुआ है। जो व्यक्ति सांई भक्ति मन से करता है उसके सर्व विघ्न दूर हो जाते हैं, सब सुखों की प्राप्ति होती है। जो सांई पर अटूट श्रद्धा रखता है इसकी इच्छा सांई पूरी करते हैं। सांई बाबा ने कहा है कि मैं सत्य हूँ ये बात सच्ची मानोगे तो उनका अनुभव अपने आप होगा। जो मेरी शरण में आयेगा उसके मैं सभी कार्य करुँगा। जो मुझे जिस स्वरूप में मानेगा उस रूप में मैं उसे दर्शन दूँगा। जो व्यक्ति सत्य सहाय लेने मेरे पास आयेगा मैं उसे सहायता करुँगा जो मुझे तन मन और वचन से याद करता है उसका ऋण मुझ पर चढ़ता है जो नित्य सांई बाबा को भजता है उसे भेद-अभेद नहीं रहता। जब-जब धर्म की हानि और अधर्म का उत्थान हुआ तब तब प्रभु ने कितने ही रूपों में इस मृत्युलोक में जन्म लिया कभी राम बनके तो कभी श्याम बनके धरती पर पुन: धर्म की स्थापना की, प्रजा को नया रास्ता दिखाया इन अवतारों में शिरडी के सांई बाबा का नाम भी प्रमुख है। शिरडी के सांई बाबा नाम से कौन परिचित नहीं? सांई बाबा की भक्ति में शक्ति छुपी है इसी कारण करोड़ों लोग उन्हें ईश्वर का अवतार कहते हैं। जब कोई सांई बाबा को हिन्दू कहता तब वे कुरान शरीफ की आयाते सुनाते और जब उन्हें मुसलमान कहा जाता तो वे शिवस्तोत्र संस्कृत में सुनाकर सभी को सोच में डाल देते। सांई बाबा ने हिन्दू मुसलमान को एक सूत्र में बॉंधा था।
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