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साँई कम्प्यूटर टायपिंग इंस्टीट्यूट गुलाबरा छिन्दवाड़ा म0प्र0 संचालक:- लकी श्रीवात्री मो0नां. 9098909565
created Apr 13th 2024, 06:04 by Sai computer typing
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एक साधु घाट किनारे अपना डेरा डाले हुए था, वहां वह धुनी रमा कर दिन भर बैठा रहता और बीच-बीच में ऊंची आवाज में चिल्लाता जो चाहोगे सो पाओगे। उस रास्ते से गुजरने वाले लोग उसे पागल समझते थे। वे उसकी बात सुनकर अनुसना कर देते और जो सुनते, वे उस पर हंसते थे। एक दिन एक बेरोजगार युवक उस रास्ते से गुजर रहा था साधु की चिल्लाने की आवाज उसके कानों में भी पड़ी- जो चाहोगे सो पाओगे! ये वाक्य सुनकर वह युवक साधु के पास आ गया और उससे पूछने लगा, बाबा आप बहुत देर से जो चाहोगे सो पाओगे चिल्ला रहे हो, क्या आप सच में मुझे वो दे सकते हो, जो मैं पाना चाहता हूं। साधु बोला, हां बेटा, लेकिन पहले तुम मुझे ये बताओं कि तुम पाना क्या चाहते हो? बाबा मैं चाहता हूं कि एक दिन मैं हीरों का बहुत बड़ा व्यापारी बनू। क्या आप मेरी ये इच्छा पूरी कर सकते है, युवक बोला। बिल्कुल बेटा मैं तुम्हे एक हीरा और एक मोती देता हूं उससे तुम जितने चाहे हीरे-मोती बना लेना। साधु बोला साधु की बात सुनकर युवक की आंखों में आशा की ज्योति चमक उठी। फिर साधु ने उसे अपनी दोनों हथेलियां आगे बढ़ाने को कहा युवक ने अपनी हथेलियां साधु के सामने कर दी। साधु ने पहले उसकी एक हथेली पर अपना हाथ रखा और बोला, बेटा ये इस दुनिया का सबसे अनमोल हीरा है, इसे समय कहते हैं, इसे जोर से अपनी मुठ्ठी में जकड लो। इसके द्वारा तुम जितने चाहे उतने हीरे बना सकते हो। इसे कभी अपने हाथ से निकलने मत देना। फिर साधु ने अपना दूसरा हाथ युवक की दूसरी हथेली पर रखकर कहा, बेटा ये दुनिया का सबसे कीमती मोती है, इसे धैर्य कहते हैं, जब किसी कार्य में समय लगाने के बाद भी वांछित परिणाम प्राप्त ना हो, तो इस धैर्य नामक मोती को धारण कर लेना। यदि यह मोती तुम्हारे पास है, तो तुम दुनिया में जो चाहो, वो हासिल कर सकते हो।
युवक ने ध्यान से साधु की बात सुनी और उन्हें धन्यवाद कर वहां से चल पड़ा। उसे सफलता प्राप्ति के दो गुरूमंत्र मिल गए थे। उसने निश्चय किया कि वह कभी अपना समय व्यर्थ नहीं गंवायेगा और सदा धैर्य से काम लेगा। कुछ समय बाद उसने हीरे के एक बड़े व्यापारी के यहां काम करना प्रारंभ किया। कुछ वर्षो तक वह दिल लगाकर व्यवसास का हर गुर सीखता रहा और एक दिन अपनी मेहनत और लगन से अपना सपना साकार करते हुए हीरे का बहुत बड़ा व्यापारी बना।
सीख- लक्ष्य प्राप्ति के लिए सदा समय और धैर्य नाम के हीरे-मोती अपने साथ रखें। अपना समय कभी व्यर्थ ना जाने दें और कठिन समय में धैर्य का दामन ना छोड़े सफलता अवश्य प्राप्त होगी।
युवक ने ध्यान से साधु की बात सुनी और उन्हें धन्यवाद कर वहां से चल पड़ा। उसे सफलता प्राप्ति के दो गुरूमंत्र मिल गए थे। उसने निश्चय किया कि वह कभी अपना समय व्यर्थ नहीं गंवायेगा और सदा धैर्य से काम लेगा। कुछ समय बाद उसने हीरे के एक बड़े व्यापारी के यहां काम करना प्रारंभ किया। कुछ वर्षो तक वह दिल लगाकर व्यवसास का हर गुर सीखता रहा और एक दिन अपनी मेहनत और लगन से अपना सपना साकार करते हुए हीरे का बहुत बड़ा व्यापारी बना।
सीख- लक्ष्य प्राप्ति के लिए सदा समय और धैर्य नाम के हीरे-मोती अपने साथ रखें। अपना समय कभी व्यर्थ ना जाने दें और कठिन समय में धैर्य का दामन ना छोड़े सफलता अवश्य प्राप्त होगी।
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