Text Practice Mode
साँई कम्प्यूटर टायपिंग इंस्टीट्यूट गुलाबरा छिन्दवाड़ा म0प्र0 संचालक:- लकी श्रीवात्री मो0नां. 9098909565
created Apr 11th, 10:09 by lucky shrivatri
0
291 words
16 completed
0
Rating visible after 3 or more votes
00:00
हमारे लोकतंत्र की यह मजबूती ही है जिसमें जनता किसी को भी फर्श से अर्श पर पहुंचा देती है तो अर्श से फर्श पर लाने में भी देर नहीं लगाती। हर बात के चुनाव नतीजों में भी लोकतंत्र की यही ताकत दिखाई देती है। हमारे मतदाता की इस ताकत का अहसास होने के बावजूद चुनाव मैदान में उतरने वाले उम्मीदवार जब झाड़-फूंक, टोने टोटके और भविष्य जानने के लिए पक्षियों का सहारा लेते नजर आते है तो चिंता होना स्वाभाविक है। यह चिंता इसलिए भी क्योंकि हमारे नेताओं से उम्मीद की जाती है कि वे अंधविश्वास फैलाने का काम करने की बजाय इसे दूर करने के लिए आगे आएंगे, लेकिन ऐसा होता दिख नहीं रहा।
ताजा मामला तमिलनाडु का है, जहां लोकसभा के लिए चुनाव मैदान में उतरे एक राजनीतिक दल के उम्मीदवार ने अपना चुनावी भविष्य जनता से जानने की बजाए ताते से जानना चाहा। यह बात दूसरी हैं कि उम्मीदवार के इस कृत्य की परिणति के जरिए भविष्य बताने वाले की गिरफ्तारी हुई।
मध्यपद्रेश में पिछले विधानसभा चुनावों के दौरान भी एक फकीर से चप्पलें खाते प्रत्याशी का वीडियों वायरल हुआ था। इस प्रत्याशी को लगता था कि ऐसे टाेटके से वह चुनाव जीत जाएगा पर ऐसा हुआ नहीं। चर्चा में रहने के लिए भी अंधविश्वास भरे ऐसे वीडियों उम्मीदवारों व उनके समर्थकों की ओर से वायरल किए जाते होगे।
चिंता इस बात की ही है कि हमारे अधिकांश नेता जनता से दूनिया रखने लगे है। चुनाव जीतने से पहले जनता के लिए अपने दरवाजे खुले रखने का वादा करने वाले नेता जीतने के बाद ऐसा करना तो दूर, कभी अपने क्षेत्र की सुध लेना तक उचित नहीं समझते। ऐसे नेताओं को सबक सिखाने के लिए मतदाताओं को अपने वोट के अचूक हथियार का इस्तेमाल करना ही चाहिए।
ताजा मामला तमिलनाडु का है, जहां लोकसभा के लिए चुनाव मैदान में उतरे एक राजनीतिक दल के उम्मीदवार ने अपना चुनावी भविष्य जनता से जानने की बजाए ताते से जानना चाहा। यह बात दूसरी हैं कि उम्मीदवार के इस कृत्य की परिणति के जरिए भविष्य बताने वाले की गिरफ्तारी हुई।
मध्यपद्रेश में पिछले विधानसभा चुनावों के दौरान भी एक फकीर से चप्पलें खाते प्रत्याशी का वीडियों वायरल हुआ था। इस प्रत्याशी को लगता था कि ऐसे टाेटके से वह चुनाव जीत जाएगा पर ऐसा हुआ नहीं। चर्चा में रहने के लिए भी अंधविश्वास भरे ऐसे वीडियों उम्मीदवारों व उनके समर्थकों की ओर से वायरल किए जाते होगे।
चिंता इस बात की ही है कि हमारे अधिकांश नेता जनता से दूनिया रखने लगे है। चुनाव जीतने से पहले जनता के लिए अपने दरवाजे खुले रखने का वादा करने वाले नेता जीतने के बाद ऐसा करना तो दूर, कभी अपने क्षेत्र की सुध लेना तक उचित नहीं समझते। ऐसे नेताओं को सबक सिखाने के लिए मतदाताओं को अपने वोट के अचूक हथियार का इस्तेमाल करना ही चाहिए।
saving score / loading statistics ...