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BUDDHA ACADEMY TIKAMGARH (MP) || ☺ || ༺•|✤आपकी सफलता हमारा ध्येय ✤|•༻
created Apr 3rd 2024, 03:32 by Buddha Typing
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न्यायालय फीस अधिनियम की धारा 18 के तहत आठ आना का शुल्क उद्ग्रहित किया जाना है, जब तक न्यायालय उस संदाय में छूट देने के योग्य नहीं समझती है, जब किसी व्यक्ति की परिवाद पर जांच की जाती है। किसी संज्ञेय अपराध के परिवाद पर न्यायालय शुल्क अधिनियम की अनुसूची 2 के अनुच्छेद 1-ख, के तहत कोई भी शुल्क उद्ग्रहणीय नहीं है। सदोष अवरोध या सदोष परिरोध को छोड़कर किसी संज्ञेय अपराध के परिवाद के बारे में न्यायालय शुल्क अधिनियम की धारा 18 के तहत कोई भी शुल्क उद्ग्रहणीय नहीं है। उन प्रकरणों में जहां परिवादी द्वारा एक आवेदन पत्र न्यायालय शुल्क अधिनियम, 1870 की धारा 31 के तहत संदाय किया जाना आदेशिका शुल्क की या दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 546-क के तहत संदाय किए जाने के लिए आदेशिका शुल्क की या दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1898 की धारा 545 के तहत मंजूर किए प्रतिकर की वसूली के लिए या अभियुक्त द्वारा दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1898 की धारा 250 के तहत उसको अधिनिर्णीत प्रतिकर की वसूली के लिए किया गया है; आदेशिका शुल्क का संदाय न्यायालय फीस स्टाम्पों में लिया जाना चाहिए और नगदी में नहीं। स्टाम्पों को न्यायालय में दाखिल आवेदन-पत्र या ज्ञापन पर यथा उपयुक्त चिपकाया जाएगा।
आवेदन-पत्र या ज्ञापन में न्यायालय का विवरण, प्रकरण संख्या, अधिनियम और धारा जिसके तहत अपराध दण्डनीय है, चिपकायी गई न्यायालय फीस का मूल्य, जारी की जाने वाली आदेशिकाओं के विवरण और व्यक्तिगत जिन पर आदेशिका तामील की जानी है, के ब्यौरे एवं पते सम्मिलित होने चाहिए।
यदि कोई आवेदन-पत्र दाखिल किया जात है तो इसको आदेशिका शुल्क के लिए आवश्यक स्टाम्पों के अतिरिक्त ऐसे स्टाम्प धारण करना चाहिए, जो इसकी स्वयं की विधिमान्यता आवश्यक है। कोई भी आदेशिका, जिसके जारी करने के लिए शुल्क का संदाय आवश्यक होता है, बनाई नहीं जाएगी, जब तक शुल्क का संदाय नहीं किया जा चुका है।
आवेदन-पत्र या ज्ञापन में न्यायालय का विवरण, प्रकरण संख्या, अधिनियम और धारा जिसके तहत अपराध दण्डनीय है, चिपकायी गई न्यायालय फीस का मूल्य, जारी की जाने वाली आदेशिकाओं के विवरण और व्यक्तिगत जिन पर आदेशिका तामील की जानी है, के ब्यौरे एवं पते सम्मिलित होने चाहिए।
यदि कोई आवेदन-पत्र दाखिल किया जात है तो इसको आदेशिका शुल्क के लिए आवश्यक स्टाम्पों के अतिरिक्त ऐसे स्टाम्प धारण करना चाहिए, जो इसकी स्वयं की विधिमान्यता आवश्यक है। कोई भी आदेशिका, जिसके जारी करने के लिए शुल्क का संदाय आवश्यक होता है, बनाई नहीं जाएगी, जब तक शुल्क का संदाय नहीं किया जा चुका है।
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