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BUDDHA ACADEMY TIKAMGARH (MP) || ☺ || ༺•|✤ आपकी सफलता हमारा ध्येय ✤|•༻
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कर भला तो हो भला यह कहावत तो आपने बहुत सुनी होगी, लेकिन यह कहावत बनी कैसे आज हम आपको इसकी कुछ कहानी सुनायेंगे। प्राचीन समय की बात है। सुन्दर नगर में सुकृति नामक एक राजा राज्य करता था। राजा सुकृति बड़ा ही दयालु, सेवाभावी और धर्मपरायण था। किन्तु सुन्दर नगर की सुन्दरता पर मोहित होकर आये दिन पड़ोसी राज्य आक्रमण किया तरते थे। राजा सुकृति के राज्य में भीमसेन नामक एक बड़ा ही बहादुर और निडर सेनापति था। वह कभी भी आक्रमणकारियों को राज्य की सीमा में प्रवेश नहीं करने देता था। सेनापति राज्य के प्रति वफादार तो था, लेकिन एक बार एक युद्ध में जीत उन्हें बहुत महंगी पड़ी। उसमें सेनापति भीमसेन बुरी तरह से घायल हो गया और साथ ही बहुत सारे सैनिक मारे गये। इसी बीच भीमसेन का एक मित्र उससे मिलने आया। यह मित्र राजा से बहुत ईर्ष्या करता था। उसने भीमसेन को राजा के खिलाफ भड़काना शुरू कर दिया। वह कहने लगा तुम लोग दिनरात यहां मौत से जूझ रहे हो और राजा वहां महलों में अय्याशियां कर रहा है। मेरी मानो तो राजा को तख्त से हटाओ और खुद राजा बन जाओ। अपने मित्र के मुंह से राजा की निंदा सुनकर सेनापति भीमसेन को पहले तो विश्वास नहीं हुआ लेकिन फिर उसने कुछ सोचकर स्वयं राजा बनने का निर्णय ले लिया। उसने राज्य जाकर राजा सुकृति को सिंहासन से हटा दिया और स्वयं का राज्याभिषेक करवा लिया।
वह राजा सुकृति को पकड़कर बंदीगृह में डालना चाहता था लेकिन अवसर देख सुकृति भेष बदलकर जंगलों में भाग गया। राजा भीमसेन ने सुकृति को पकड़ने के लिए एक सहस्त्र स्वर्ण मुद्राओं के इनाम की घोषणा की। सैनिक तो सैनिक लेकिन राज्य के अन्य व्यक्ति भी इनाम की आकांक्षा से सुकृति को खोजने लगे। हालांकि राज्य के ज्यादातर समझदार लोग सुकृति से भीमसेन द्वारा राज्य हड़प लिए जाने से दुखी थे।
इधर राजा सुकृति जंगल के रास्ते से बाहर निकलने ही वाला था कि उसके सामने से एक व्यक्ति आता दिखाई दिया जो दिखने में बहुत चिंतित जान पड़ रहा था।
कट्टीबाड़ा दद्दा, दद्दी मिट्टी इकट्ठा, कृपया, राष्ट्रपति, द्वारा, विद्यार्थी, चाँदनी, हृदय, पद्माकर, त्र्यम्बकम, सहस्त्राब्दी, विद्वान, त्रशूल अद्भूत, उज्जवल, तरफ, ऊपर रूपये, फ्यूज, गिरफ्तार, पीड़ित, उद्रृत, उद्दृत, उद्धृत, निश्चित, वैश्विक, ह्यूमन, क्रमांक-395*4*005* स्रोत, स्त्रोतों, इस्ट्रूमेंट, ब्राह्मा, ट्रक ड्राइवर, द्वारा, विद्याद्यर, रुपये एम.पी. 36/4856 प्रसिद्ध; ऋषभ उद्ग्रहीत चिह्न यदि इस प्रकार के शब्द आपकी परीक्षा में आ गये तो क्या करोगे। बुद्ध अकादमी टीकमगढ़
वह राजा सुकृति को पकड़कर बंदीगृह में डालना चाहता था लेकिन अवसर देख सुकृति भेष बदलकर जंगलों में भाग गया। राजा भीमसेन ने सुकृति को पकड़ने के लिए एक सहस्त्र स्वर्ण मुद्राओं के इनाम की घोषणा की। सैनिक तो सैनिक लेकिन राज्य के अन्य व्यक्ति भी इनाम की आकांक्षा से सुकृति को खोजने लगे। हालांकि राज्य के ज्यादातर समझदार लोग सुकृति से भीमसेन द्वारा राज्य हड़प लिए जाने से दुखी थे।
इधर राजा सुकृति जंगल के रास्ते से बाहर निकलने ही वाला था कि उसके सामने से एक व्यक्ति आता दिखाई दिया जो दिखने में बहुत चिंतित जान पड़ रहा था।
कट्टीबाड़ा दद्दा, दद्दी मिट्टी इकट्ठा, कृपया, राष्ट्रपति, द्वारा, विद्यार्थी, चाँदनी, हृदय, पद्माकर, त्र्यम्बकम, सहस्त्राब्दी, विद्वान, त्रशूल अद्भूत, उज्जवल, तरफ, ऊपर रूपये, फ्यूज, गिरफ्तार, पीड़ित, उद्रृत, उद्दृत, उद्धृत, निश्चित, वैश्विक, ह्यूमन, क्रमांक-395*4*005* स्रोत, स्त्रोतों, इस्ट्रूमेंट, ब्राह्मा, ट्रक ड्राइवर, द्वारा, विद्याद्यर, रुपये एम.पी. 36/4856 प्रसिद्ध; ऋषभ उद्ग्रहीत चिह्न यदि इस प्रकार के शब्द आपकी परीक्षा में आ गये तो क्या करोगे। बुद्ध अकादमी टीकमगढ़
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