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BUDDHA ACADEMY TIKAMGARH (MP) || ☺ || ༺•|✤आपकी सफलता हमारा ध्‍येय ✤|•༻

created Mar 16th, 03:57 by SubodhKhare1340667


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एक जंगल में एक शेर रहता था। शेर उस जंगल का राजा था। वह बहुत ताकतवर होने के साथ-साथ काफी गुस्‍से वाला भी था। कभी-कभी वो गुस्‍से में बहुत गलत फैसले ले लिया करता था। जिसका फल जंगल के जानवरों को भुगतना पड़ता था। एक दिन वह शेर अपने साथ बब्‍लू के साथ नदी के किनारे घूम रहा था, तभी नदी को देखकर शेर ने अपने साथी बब्‍लू से पूछा कि हमारी इस नदी का पानी कहां जाता है। बब्‍लू ने कहा कि ये नदी हमारे जंगल से निकल कर पूर्व के दूसरे जंगलों की ओर जाती है। यह सुनकर वह गुस्‍से से तिलमिला उठा कि हमारी नदी का पानी दूसरे जंगल के जानवर कैसे पी सकते हैं। शेर ने बब्‍लू को आदेश दिया कि इस नदी के पास दीवार बना दो ताकी दूसरी तरफ के जानवर हमारा पानी ना पी जाएं। नदी पर दीवार बनने की वजह से नदी का पानी जंगल में घुसने लगा जिस कारण से सभी जंगल के जानवरों की परेशानी जानकर बब्‍लू के दिमाग में एक तरकीब आई बब्‍लू आधी रात को भालू के पास गया जो हर दिन सुबह होने पर एक घंटा बजाया करता था। बब्‍लू ने भालू से कहा कि घंटा अभी बजा दो। भालू ने यही किया और जोर से घंटा बजा दिया। घंटे की आवाज सुनकर शेर भालू के पास आया और बोला अभी सुबह नहीं हुई है, तब बब्‍लू ने कहा महाराज सुबह हो गई पर सूरज नहीं निकला है, यह सुन कर शेर गुस्‍सा हो गया और बब्‍लू से पूछा कि सूरज क्‍यों नहीं निकला है।  
    तब बब्‍लू ने बोला महाराज जिस तरह से हमने पूर्व के दूसरे जंगलों का पानी रोका है उसी तरह से उन्‍होंने सूरज को रोक लिया है और अब यहां कभी सूरज नहीं दिखेगा। बब्‍लू की इस बात को सुन शेर ने पूछा अब क्‍या करें। तब बब्‍लू ने एक उपाय बताया और बोला महाराज क्‍यों हम अपना पानी उनको भी इस्‍तेमाल करने दें बदले में वे हमें अपना सूरज देंगे। बब्‍लू की इस बात को सुनकर शेर उसकी बात मान ली और भालू को नदी की दीवार तोड़ने का आदेश दिया था। भालू ने नदी की दीवार तोड़ दी और तब तक सूरज के निकलने का समय भी हो गया था। इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हर परेशानी का कोई कोई हल होता ही है, हमें बस शांत रह कर अपनी सूझबूझ से काम लेना चाहिए।

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