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BUDDHA ACADEMY TIKAMGARH (MP) || ☺ || ༺•|✤आपकी सफलता हमारा ध्‍येय ✤|•༻

created Mar 16th, 03:51 by Buddha Typing


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जब कभी पीठासीन न्‍यायाधीश की राय में दण्‍ड न्‍यायालय में किसी ऐसे दस्‍तावेज का, जिसके बारे में उचित फीस संदत्‍त नहीं की गई है, फाइल या प्रदर्शित किया जाना न्‍याय की निष्‍फलता के निवारण के लिए आवश्‍यक है, जब धारा 4 धारा 6 में अन्‍तर्विष्‍ट कोई भी बात ऐसे फाइल या प्रदर्शित किए जाने का प्रतिषेध करने वाली समझी जाएगी। इस अधिनियम के अधीन उपयोग में लाए जाने वाले स्‍टाम्‍पों के विक्रय के विनियमन के लिए, उन व्‍यक्तियों के लिए जिनके द्वारा ही ऐसा विक्रय किया जाएगा और ऐसे व्‍यक्तियों के कर्तव्‍यों और पारिश्रमिक के लिए समय समय पर नियम बना सकेगी। इस अधिनियम के उपाबद्ध प्रथम या द्वितीय अनुसूची में वर्णित सब फीसों को या उनमें से किसी को भी या उसके किसी भाग में समय समय पर शासकीय राजपत्र में अधिसूचना द्वारा कम कर सकेगी या पारित कर सकेगी, और उसी परिस्थिति रीति से ऐसे आदेश को रद्द कर सकेगी या उसमें बदलाव कर सकेगी। जब ऐसी रकम पचास हजार रूपए से अधिक है तब, पचास हजार रूपए से ऊपर के हर पांच हजार रूपए वादपत्र या अपील के ज्ञापन पर उद्ग्रहणीय अधिकतम फीस तीन हजार रूपए होगी। नियम 6 के तहत रिपोर्ट प्राप्‍त करने वाले अधिकारी का अभिलेखागार के भारसाधक अधिकारी या अन्‍य कार्यालय प्रधान के माध्‍यम से जिला मजिस्‍ट्रेट या आयुक्‍त के आदेशों के लिए प्रकरण पेश करने का कर्तव्‍य होगा।  
    प्रत्‍येक जिला न्‍यायालय में न्‍यायालय लिपिक का माह में एक बार पूर्व माह के दौरान अभिलेखागार में रखे गए अभिलेखों के निरीक्षण द्वारा स्‍वयं का यह समाधान करने का उपयुक्‍त नियम (1) से (5) में आदेशों का पालन किया जा रहा है। जिसने वादपत्र निरस्‍त किया कि यह उपर्युक्‍त वर्णित परिस्थितियों के अधीन निरस्‍त किया गया था और यह कि स्‍टाम्‍प का मूल्‍य उसकी राय में प्रतिदाय किया जाना चाहिए, प्रमाण पत्र के साथ कलेक्‍टर को आवेदन पत्र के प्रस्‍तुत करने पर प्रतिदाय किया है।

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