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बंसोड कम्‍प्‍यूटर टायपिंग इन्‍स्‍टीट्यूट छिन्‍दवाड़ा (म0प्र0) मो0नं0 8982805777 CPCT - TEST

created Mar 12th, 07:01 by Vikram Thakre


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लाइब्रेरी में अनेक प्रकार की किताबें समाचार पत्र और पत्रिकाएं तथा दूसरी कई पठन पाठन संबंधित सामग्रियां संगृहीत की जाती हैं। इन किताबों के पहले या दूसरे पेज पर ही किताब में समाहित विषयों की सूची को क्रमांक के साथ दर्शाया गया होता है और साथ ही सभी किताबों को एक क्रमांक देकर उसकी खास पहचान बना दी जाती है। जब भी किसी को कोई किताब दी जाती हैं तो उस किताब पर अंकित क्रमांक को उस किताब के नाम के आगे खाते में दर्ज कर लिया जाता हैं। जब किसी इंसान को किसी किताब की जरूरत पडती है तो वह किताब का क्रमांक या किताब का नाम लाइब्रेरी संचालक को बताता है और लाइब्रेरी संचालक किताब को निकालकर उस इंसान या पाठक को दे देता है। इस प्रकार लाइब्रेरी का काम बहुत सलीके से एवं अनुशासित तरीके से चलता है। लाइब्रेरी निजी तथा सार्वजनिक दो प्रकार की होती हैं। कुछ  लोग निजी तौर पर किताबों को जमा करते हैं तथा घरेलू लाइब्रेरी तैयार कर लेते हैं यही निजी लाइब्रेरी कहलाती है। पाठशालाओं कार्यालयों और कालेज तथा सभी क्षेत्रों की सार्वजनिक लाइब्रेरियों में वैज्ञानिक सुविधाएं भी अब आसानी से मिल जाती है। हर लाइब्रेरी में वाचनालय होता है जहां बालक युवा तथा बुजुर्ग कुछ भी पढ सकते हैं। इसके अलावा लाइब्रेरी में हर भाषा के समाचार पत्र मिल जाते हैं। जो पाठक हर भाषा की किताबों का लाभ उठाना चाहता है उसके लिए तो लाइब्रेरी इसका सबसे बढिया साधन है। किताबें हमारी सबसे बेहतरीन मित्र होती हैं तथा लाइब्रेरी इनको पाने का सबसे उचित बढिया साधन है। लेकिन इसके साथ ही लाइब्रेरी के प्रति हमारे कुछ उचित फर्ज भी बनते हैं जिनको हमें ईमानदारी से निभाना चाहिए। सबसे पहला फर्ज तो हमारा यही बनाता है कि हमें किताबों की सुरक्षा का पूरा खयाल रखना चाहिए। हमें हमेशा याद रखना चाहिए कि कभी गलती से भी हमसे किताब का कोई पेज फटे और ही हम कभी किताब को गंदा करें। इन सभी बातों के लिए हमें सदैव सतर्क रहना चाहिए। कई बार लोग किताबों को जाने अनजाने नुकसान पहुंचा देते हैं। इससे वे केवल किताब का ही नुकसान नहीं करते अपितु वे दूसरे जन समाज सबका बुरा करते हैं। ऐसा करने से केवल किताबों का नुकसान होता हैं अपितु दूसरे लोगों को उस पठन सामग्री का लाभ भी नहीं मिल पता है। लिब्रेरियों के अपने कुछ विशेष नियम होते हैं जिनका पालन करना अनिवार्य होता है। लाइब्रेरी से केवल एक तय समय अवधि के लिए ही किताबें घर ले जाने की अनुमति होती है। लाइब्रेरी का उपयोग करने वाले पाठकों को यह याद रखना चाहिए कि उस अवधि के पूरा होने से पहले या उस अवधि के पूरा होने तक वे उस किताब को वापस कर दें। लाइब्रेरी में शांत  बैठकर ही किताबों या पत्र पत्रिकाओं का पठन पाठन करना चाहिए। पाठकों को सार्वजनिक किताबों पर किसी तरह का कोई निशान नहीं लगाना चाहिए और ही उनमें से कुछ फाडना चाहिए। इस प्रकार हम लिब्रेरियों का पूरी तरह से लाभ उठा सकते हैं। लाइब्रेरी सार्वजनिक संपदा होती है इसलिए वहां बैठकर हमें लाइब्रेरी के नियमों का पालन करना चाहिए और शांति बनाए रखनी चाहिए। यही लाइब्रेरी के प्रति हमारे कुछ छोटे परंतु जरूरी फर्ज हैं। इसके साथ ही इतना भी याद रहे कि लाइब्रेरी जाकर हमें समय का सदुपयोग करना चाहिए।  

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