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साँई कम्‍प्‍यूटर टायपिंग इंस्‍टीट्यूट गुलाबरा छिन्‍दवाड़ा म0प्र0 संचालक:- लकी श्रीवात्री मो0नां. 9098909565

created Mar 12th, 04:28 by Jyotishrivatri


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एक बार की बात है रवि नाम का एक व्‍यक्ति था। उसको बचपन से ही जादू टोने और अंधविश्‍वास में बहुत रूचि थी। एक दिन उसको उसका बचपन का मित्र रोहन मिल गया। वह रोहन को देखकर बहुत खुश हुआ और बोला हम दस साल बाद मिल रहे है। रोहन बोला वह कंपनी के किसी काम से वहां पर आया है। रोहन ने रवि के हाथ में हरे रंग की अंगूठी देखी और पूछा यह तुमने क्‍यों पहन रखी है। रवि बोला यह मुझे एक बाबा ने दी थी। वह बोल रहा था कि इससे में बहुत बड़ा आदमी बन जाऊंगा। रोहन ने पूछा की फिर ऐसा हुआ। रवि बोला अभी तक तो नहीं हुआ लेकिन जल्‍द ही कुछ जरूर होने वाला है। इसके बार रोहन चला गया। एक दिन रवि को रास्‍ते में एक पोस्‍टर चिपका हुआ दिखा जिसमें लिखा था की पांच हजार दो और अपना भविष्‍य जानो।  
रवि उस जगह गया और एक व्‍यक्ति को पांच हजार रूपए देकर बाबा के पास पहुंचा जो हिमालय से आये थे। रवि ने बाबा से पूछा मुझे यह जानना है की मै सफल इंसान कब बनूंगा। बाबा ने रवि को बताया की वह कभी भी सफल इंसान नहीं बनेगा क्‍योंकि वह तो दो महीने में मरने वाला है। रवि यह सुनकर बहुत दुखी हुआ। उसको इसके बाद रात भर नींद नहीं आयी। वह अगले दिन बैंक गया और सब कागज भरकर एक करोड़ का लोन ले आय। उसने इससे एक बड़ा घर बुक किया और गाड़ी ले आया।  उसकी बीवी ने जब गाड़ी देखी तो वह बहुत खुश हुई। रवि उसी गाडी में अपनी बीवी को बैठाकर वह घर दिखा कर आया जो उसने बुक किया था। उसकी बीवी बहुत खुश थी लेकिन उसने रवि से पूछा की वह सब उसने कैसे किया।  
रवि ने अपनी बीवी को इसका राज बाद में बताने को कहा। रवि इसके बाद अपने बीवी को सिंगापुर भी घुमा लाया। रास्‍ते में आते समय रवि की बीवी के पूछने पर रवि बोला एक बइुत बड़ बाबा ने बोला है की मैं दो महीने में मरने वाला हूं। रवि की बीवी यह सुनकर बहुत रोई। रवि बोला यह सब बैंक से लोन लेकर किया है जो की रवि के मरने के बाद किसी को चुकाना नहीं पड़ेगा। एक महीने के बाद रवि और उसकी बीवी नए घर में रहने चले गये।  इसके बाद दो महीने पुरे हो गए। रवि बहुत दुखी था की उस दिन वह मरने वाला था। लेकिन उस दिन रवि को कुछ नहीं हुआ तो उसने सोचा शायद वह रात में मर जायेगा। लेकिन रात भी बीत गयी ओर दूसरा दिन शुरू हो गया। रवि और उसकी बीवी बहुत खुश हुए। इसके बाद बैंक से रवि को फोन आया की वह जल्‍दी से किस्‍त के पैसे जमा करें। रवि को पता चल चूका था की बाबा ने उसको बेवकूफ बनाया है और इन सब अंधविश्‍वास में कुछ  नहीं रखा। उसने निर्णय किया की वह घर गाड़ी बेचकर लोन के पैसे देगा।  
 

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