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बंसोड कम्प्यूटर टायपिंग इन्स्टीट्यूट छिन्दवाड़ा म0प्र0 प्रवेश प्रारंभ (CPCT, DCA, PGDCA & TALLY)
created Feb 12th 2024, 07:59 by Ashu Soni
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पर्वतारोहण सबसे साहसिक खेलों में से एक है जो रग रग में जोश भर देता है। लोग इस गतिविधि में रोमांच और आनंद का अनुभव करते हैं। इसके अलावा यह अपने आप को फिर से जीवंत करने के लिए एक शानदार गतिविधि भी है। पर्वतारोहण एक अभियान है जो आपको प्रकृति के करीब लाता है और आपको इसके साथ जुडने में मदद करता है। यह रोमांच का दूसरा नाम है। इन सबसे उपर लोग नए रिकॉर्ड बनाने या पुराने लोगों के रिकॉर्ड को तोडने के लिए भी पहाड की चढाई करते हैं। लेकिन यह कहना अधिक नहीं होगा कि उनमें से अधिकांश इसे केवल अनुभव और रोमांच के लिए करते हैं। यह मानव के लिए बहुत सारी चुनौतियां पेश करता है लेकिन फिर भी यह लोगों को आगे बढने में मदद करता है। ऐसा इसलिए है कि यहां जो राह मिलती है वह कहीं और नहीं मिलती। लोगों को यह पता करना होता है कि पहाड पर चढाई का समय सही है भी या नहीं। हालांकि यह काफी चुनौतीपूर्ण होता हैं। यह सच में जीवन में परिवर्तन ला देता है। पहाड पर चढने का फैसला बहुत बडा होता है। चढने से पहले और बाद के बीच का सफर बहुत ही क्रांतिकारी होता है। जाते समय पता नहीं होता है कि जो इंसान पर्वतारोहण के लिए जा रहा है वह लौट कर आएगा भी या नहीं। एक आदमी जो पहाड पर चढने का फैसला करता है वह पहले ही खुद को पूरी तरह से तैयार कर चुका होता है और अपने डर पर काबू पा लेता है। यह एक ऐसी गतिविधि है जो चुनौतियों का सामना करने और हमारे डर पर काबू पाने के बारे में बहुत कुछ सिखाती है। अंतत यह हमें मानसिक और शारीरिक दोनों तरह से मजबूत बनाता है। सबसे खतरनाक चीजों में से एक अनिवार्य रूप से पहाड की चढाई है। इस चुनौतीपूर्ण कार्य को पूरा करने में सक्षम होने के लिए बहुत अधिक साहस और धीरज रखने का बल होना चाहिए। पर्वतारोही भी शीतदंश से पीडित होता है और उनके पैर की उंगलियां और हाथों की उंगलियां सुन हो जाती हैं। पर्वतारोहण में सही निर्णय लेने का कौशल भी होना चाहिए और यह जानना भी जरूरी होता है कि मानचित्र का सही उपयोग कैसे करें। साथ ही लोगों को खडी शिलाखंड की प्रकृति को भी मापना पडता है। गीली शिलाखंडों पर फिसलने का भी खतरा होता है। इसके बाद अधिक कपडे और उपकरण जो पर्वतारोही अपनी पीठ पर ले जाते हैं यह उनकी चढाई को अधिक चुनौतीपूर्ण और जोखिम भरा बना देते हैं। यह सचमुच में एक जीवन मरण का अनुभव है इसको करते समय बहुत सारी चुनौतियों का सामना करना पडता है। सबसे पहले आप सांस लेने में तकलीफ का सामना करते हैं ऐसा इसलिए कि जितनी अधिक उंचाई पर जाओ तो हवा उतनी ही कम और दुर्लभ होती जाती है। उसके बाद हमेशा गिरने या फिसलने का खतरा बना रहता है। हर दूसरा पल मौत के करीब नजर आता है। इसके अलावा ठंड का मौसम इसे बद से बदतर बना देता है। फिर भी लाखों चुनौती के बावजूद हर साल भारी मात्रा में लोग साहसिक रोमांच के लिए पर्वतारोहण करते हैं जिसमें पर्वतारोहियों कों एक अलग ही मानसिक शांति का अनुभव होता है। पहाड की एकदम परम छोटी पर पहुंच जब वे भारत का झंडा फहराते हैं तो दिल खुशी से झूम उठता हैं।
