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साँई कम्प्यूटर टायपिंग इंस्टीट्यूट गुलाबरा छिन्दवाड़ा (म0प्र0) संचालक:- लकी श्रीवात्री मो0नां. 9098909565
created Nov 27th 2023, 08:12 by lucky shrivatri
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इस मामले के तथ्य इस प्रकार हैं कि तारीख 12 सितंबर, 1997 को पुलिस को एक सूचना प्राप्त होने पर पुलिस पदधारी चौमुखा मार्केट की उस गली पर पहुंचे जो बृजवासी रेस्टोरेंट जाती है, जहां मकान संख्या एन-31 के निकट एक भीड़ जमा थी और उन्हें यह जानकारी मिली कि एक क्षतिग्रस्त व्यक्ति को एक पीसीआर यान में एम्स ले जाया गया है। एक कांस्टेबल को घटनास्थल पर छोड़कर उप-निरीक्षक अन्य पुलिस पदधारियों के साथ एम्स पहुंचा, जहां उसे यह जानकारी मिली कि क्षतिग्रस्त रामलाल उर्फ रामू को मृत लाया गया घोषित किया गया है। मृतक के दो भाई अर्थात् रवीन्द्र और सुरेन्द्र सिंह अस्पताल में मौजूद पाए गए थे। रवीन्द्र सिंह ने उप-निरीक्षक कवीन्द्र सिंह को इस आशय का अपना यह कथन किया कि उसके छह भाई हैं। लगभग तीन वर्ष पहले खुमान सिंह नामक एक व्यक्ति की हत्या हो गई थी और उसके भाई रवीन्द्र सिंह उर्फ रामू को उसकी हत्या के लिए गिरफ्तार किया गया था तथा उसके विरुद्ध हत्या का एक मामला लंबित था। उसे न्यायालय द्वारा अंतरिम जमानत पर छोड़ा गया था ओर वह उसकी बहिन रेखा के साथ रह रहा था। तारीख 12 अक्टूबर, 1998 को रवीन्द्र सिंह उर्फ रामू अपनी माता के मकान पर आया और उसका अन्य भाई खुमान सिंह भी वहां पहुंचा और उन्होंने एक साथ भोजन किया। लगभग 11:30 बजे अपराह्न में सुरेन्द्र सिंह अपने भाइयों रवीन्द्र सिंह उर्फ रामू और कमल सिंह के साथ अपने-अपने मकानों पर जाने के लिए उस मकान से चले गए। वे पैदल चौमुखा मार्केट में स्थित टैक्सी स्टैंड की ओर जा रहे थे। वह और सुरेन्द्र सिंह, रवीन्द्र सिहं उर्फ रामू से लगभग दस कदम आगे थे। लगभग 11:45 बजे अपराह्न में जब वे चौमुखा मार्केट के कोने के निकट पहुंचे, तो उन्होंने रवीन्द्र सिंह उर्फ रामू को बचाओ-बचाओ का शोर मचाते हुए सुना और पीछे मुड़कर उन्होंने देखा कि खुमान सिंह पुत्र कमल चंद और रामप्रसाद पुत्र पूरणमल हॉकी से प्रहार कर रहे थे और महेंद्र सिंह पुत्र खुमान सिंह रवीन्द्र सिंह उर्फ रामू नीचे गिर गया और श्याम सिंह ने उस पर चाकू से कई प्रहार किए। जब उन्होंने अपने भाई को बचाने की कोशिश की तो उपरोक्त सभी तीनों अभियुक्त व्यक्तियों ने अपने चाकू और हॉकी तान दिए और चेतावनी दी कि जो कोई सुरेन्द्र सिंह को बचाने आएगा, वे उसे भी मार देंगे। उसके पश्चात् वे सभी भीष्म पितामह मार्ग की ओर भाग गए
