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साँई कम्‍प्‍यूटर टायपिंग इंस्‍टीट्यूट गुलाबरा छिन्‍दवाड़ा म0प्र0 संचालक:- लकी श्रीवात्री मो0नां. 9098909565

created Nov 18th 2023, 07:02 by lucky shrivatri


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दिल्‍ली हाईकोर्ट ने देश में दवाइयों की ऑनलाइन बिक्री के लिए नीति निर्धारण में विलंब पर जो चिंता और नाराजगी जताई हैं, वह गैर-वाजिब नहीं है। दवाइयों की ऑनलाइन बिक्री बहुत बड़ा मुद्दा है। इसे सामान्‍य चीजों की ऑनलाइन बिक्री की तरह नहीं लिया जा सकता। मुश्किल यह है कि कारोबारियों ने इसे सामान्‍य चीजों जैसा ही बना दिया है। सरकार ने भी इसकी अनदेखी की।  
गुपचुप तरीके से नहीं, बल्कि खुलेआम और व्‍यापक स्‍तर पर प्रचार करके कंपनियां घर पर दवाइयां पहुंचाने का काम कर रही है। केंद्र ने इस मुद्दे पर अंतिम बार कोई नोटिफिकेशन अगस्‍त 2018 में जारी किया था, लेकिन इसे पांच साल हो गए, इस बारे में कोई नीति नहीं आई। इस बीच दिसंबर 2018 में हाईकोर्ट ने ही दवाइयों की ऑनलाइन बिक्री पर रोक लगाई थी। दिल्‍ली हाईकोर्ट में एक अवमानना याचिका भी दायर की गई है, जिसमें  दवाइयों की ऑनलाइन बिक्री जारी रखने के लिए ई-फार्मेसी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है। इसमें कोर्ट के आदेशों के बावजूद दोषी ई-फार्मेसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करने के लिए केंद्र सरकार के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की गई है। ऑनलाइन दवा की बिक्री वाले ऐप की बाढ़ दर्शाती है कि वह नोटिफिकेशन भी असरकारक नहीं है और ही सरकार ने हाईकोर्ट की चिंता ऑनलाइन दवा बिक्री के कारण पैदा होने वाले मानव स्‍वास्‍थ्‍य से जुड़े जोखिम को लेकर है। जो तथ्‍य धरातल पर है, उनके हिसाब से तो ऑनलाइन कंपनियां अपनी बिक्री बढ़ाने के लिए किसी भी नियम-कायदे का ध्‍यान नहीं रख रही है। मरीज को कोई खतरा हो, इसके लिए दवा, उसकी गुणवत्ता, मात्रा का निर्धारण कोई डॉक्‍टर ही कर सकता है और कुछ सामान्‍य दवाइयों को छोड़कर डॉक्‍टर के पर्चे पर कोई फार्मासिस्‍ट ही इनकी बिक्री कर सकता है। ऑनलाइन बिक्री में इस अनिवार्यता का ध्‍यान रखा जा रहा है कि नहीं, स्‍पष्‍ट नही है। यह बड़ा खतरा इस दृष्टिकोण से भी है कि नशे के लिए भी कई दवाइयों का दुरूपयोग होता है।  
उपभोक्‍ता तक सीधी और सहज पहुंच के लिए सभी क्षेत्रों में ऑनलाइन बिक्री फल-फूल रही है। असहाय, अकेले, बाहर निकलने में अक्षम और दूरदराज के इलाके के मरीजो को घर पर ही दवा मिल जाए तो इससे उनको सुविधा हो सकती है। सरकार को इसे समझना चाहिए और शीघ्रता से इस बारे में स्‍पष्‍ट नीति बनानी चाहिए।  
 
 
 
 
 
 
 

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