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साँई कम्‍प्‍यूटर टायपिंग इंस्‍टीट्यूट गुलाबरा छिन्‍दवाड़ा (म0प्र0) सीपीसीटी न्‍यू बैच प्रारंभ संचालक- लकी श्रीवात्री मो. नं. 9098909565

created Feb 1st 2023, 04:19 by sandhya shrivatri


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सभापति महोदय, वह केवल एक स्‍वप्‍न ही रह जाएगा ऐसी स्थिति में अनुभव करता हूं कि आपात काल की घोषणा की जाए और वहां के जो बुद्धिमान लोग है उनको लेकर एक सर्व दलीय सरकार स्‍थापित की जाए। हम यह अनुभव करते है कि जिस तरह का शासन इस समय चल रहा है उससे देश की कोई भी समस्‍या हल होने वाली नहीं है बल्कि इस सरकार की गलतियों से समस्‍या बढ़ती ही चली जा रही है। राष्‍ट्रपति की आंतरिक सुरक्षा की व्‍यवस्‍था में जो बिल मंत्री महोदय ने प्रस्‍तुत किया है उस पर अब तक जितने भी अभिभाषण हुए है उनको मैंने बड़े ध्‍यान से सुना है। माननीय सदस्‍य ने व्‍यक्तिगत स्‍वतंत्रता की लपेट में बहुत सारी बाते कही है और हमारे दल की ओर इशारा करते हुए कहा कि हम भी इसके औचित्‍य के संबंध फिर से विचार करेगे। मैं जहां तक समझ पाया हूं हमारे गृह मंत्रीजी ने इस बिल को प्रस्‍तुत करने में कोई सुख नहीं हुआ बल्कि वर्तमान परिस्थिति को दृष्टि में रखते हुए देखें तो आज जब हम नगर सुरक्षा व्‍यक्तिगत सुरक्षा और स्‍वतंत्रता की बात करते है तो सबसे पहले उसमें व्‍यक्तिगत सुरक्षा की बात आती है और हम यह आशा करते है कि राजनीतिक दलों में आपसी मतभेद होते हुए भी राजनीतिक मतभेद का आदर होना चाहिए। मतभेद होते हुए भी शांति और सुरक्षा बनी रहनी चाहिए। माननीय सदस्‍य पूछते है कि ऐसी कौन सी असाधारण स्थिति गई थी जिसके कारण आपको नजर बंद बिल लाना पड़ा। मैं आपसे कहना चाहता हूं कि क्‍या अच्‍छा होता यदि नेहरू जी ने उस बात को जो उन्‍होंने लोकतंत्र के संबंध में बहुत वर्ष पहले कहा था। आप भी स्‍मरण रखते है उन्‍होंने एक बार कहा था कि लोकतंत्र के संचालन और दायित्‍व निर्वाह में अगर किसी प्रधानमंत्री को बार-बार पीछे मुड़कर देखना पड़े की कोई पीछे छूरा तो नहीं मार रहा यह अच्‍छी बात नहीं है यदि यह परिस्थिति देश में पैदा हो जाए संप्रदायिक दृष्टि से देश के विभिन्‍न स्‍थान में संप्रदायिक दंगे हो रहे है। यदि उनका सामना करते हुए यदि हम जनता को सुरक्षा दे सकें तो फिर किसी दल की आवश्‍यकता नहीं है ऐसी स्थिति में उनकी वह बात समझ में नहीं आती कि आज सरकार प्रजातांत्रिक और गांधी जी के नियमों के अनुसार आचरण क्‍यों नहीं कर रही है यह बात बिल्‍कुल ठीक नहीं है।  
 
 
 

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