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SHIVANI SHORT HAND TYPING CENTER MOB:-8871426000
created Sep 23rd 2022, 02:38 by Shivani shorthand
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एक किसान हमेशा एक बेकरीवाले वाले को एक पौंड मक्खन बेचा करता था। वह किसान हमेशा सुबह के समय उस बेकरी वाले के पास आता और उसे एक पौंड मक्खन दे जाता। एक बार बेकरी वाले ने सोचा कि वह हमेशा उस पर भरोसा करके मक्खन ले लेता है। क्यों न आज मक्खन को तौला जाए? इससे उसको पता चल सके कि उसे पूरा मक्खन मिल रहा है या नहीं? जब बेकरीवाले ने मक्खन तौला तो मक्खन का वजन कुछ कम निकला। बेकरीवाले को गुस्सा आया और उसने उस किसान पर केस कर दिया। मामला अदालत तक पहुंच गया। उस किसान को जज के सामने पेश किया गया। जज ने उस किसान से प्रश्न करना शुरू किया। जज ने पूछा कि वह उस मक्खन को तौलने के लिए बाट का प्रयोग करता है क्या? किसान ने जवाब दिया “मेरे पास तौलने के लिए बाट तो नहीं है। फिर भी मक्खन तौल लेता हूं” जज हैरानी से पूछता है “बिना बाट के तुम मक्खन कैसे तौलते हो? इस जवाब किसान ने दिया कि “वह लम्बे समय से इस बेकरीवाले से एक पौंड ब्रेड का लोफ खरीदता है। हमेशा यह बेकरीवाला उसे देकर जाता है और मैं उतने ही वजन का उसे मक्खन तौल कर दे आता हूं।” किसान का यह जवाब सुनकर बेकरीवाला हक्का बक्का रह गया। शिक्षा: इस बेकरीवाले की तरह ही हम भी अपने जीवन में वो ही पाते हैं, जो हम दूसरों के देते हैं। एक बार आप सोचिये आप दूसरों को क्या दे रहे हैं धोखा, दुःख, ईमानदारी, झूठ या फिर वफा।
