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साँई कम्प्यूटर टायपिंग इंस्टीट्यूट गुलाबरा छिन्दवाड़ा म0प्र0 संचालक:- लकी श्रीवात्री मो0नां. 9098909565
created Jun 22nd 2022, 11:53 by lovelesh shrivatri
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ज्ञान के बारे कहा जाता है कि यह कहीं से भी और किसी भी रूप में मिले, ले लेना चाहिए। और फिर कोई ज्ञान हमें जीवन पद्धति के रूप में मिल रहा हो उसे तो नकारने वालों और इस ज्ञान ग्रहण प्रक्रिया में बाधक बनने वालो को तो समाज का दुश्मन ही कहा जाएगा। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर मालदीव की राजधानी माले में आयोजित कार्यक्रम में योग कर रहे लोगो के साथ कट्टरपंथियों ने जो बर्ताव किया वह शर्मनाक तो है ही, ज्ञान ग्रहण की इस प्रक्रिया में बाधक बनने वालों की करतूतों को भी उजागर करता है। ऐसी करतूत जिसके पीछे मंशा धर्मान्धता की आड़ में सेहत से जुड़े योग से भी लोगों को दूर करने की है। वह भी तब, जब समूची दुनिया योग को हाथों-हाथ ले रही है। मालदीव में कट्टरपंथी लंबे समय से भारत विरोधी माहौल बनाने में लगे हैं। पिछले दिनों वहां भारत विरोधी प्रदर्शन में भी तेजी आई है। योग दिवस पर माले में जिस कार्यक्रम में बाधा डाली गई, वह भारतीय मिशन की ओर से युवा, खेल और सामुदायिक विकास मंत्रालय के सहयोग से किया गया था। जिस वक्त चरमपंथी एक स्टेडियम में आयोजित इस कार्यक्रम में बाधा पहुंचाने के लिए घुसे, उस वक्त वहां राजनयिक, सरकारी अफसर और मालदीव के मंत्री मौजूद थे। मालदीव के राष्ट्रपति ने भले ही घटना की निंदा करते हुए जांच के आदेश दिए हो लेकिन कोई भी जांच कट्टरपंथियों की मानसिकता में बदलाव ला पाएगी यह उम्मीद करना व्यर्थ है। योग को लेकर धर्म आधारित विरोध कोई पहली बार नहीं हुआ है। ज्यादा पुरानी बात नहीं है जब कट्टरपंथियों के दबाव में कुवैत सरकार ने सार्वजनिक स्थलों पर योग पर प्रतिबंध लगाया तो इसके विरोध में महिलाएं एकजुट हो गई थी। योग की धरती भारत में भी कट्टरपंथी योग के विरोध से बाज नहीं आते। मंगलवार को ही अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर इंस्टाग्राम और ट्विटर पर योग की मुद्रा में तस्वीरें साझा करने पर विश्व चैम्पियन का खिताब पा चुकी भारतीय महिला मुक्केबाज दुहाई देने से नहीं चूके। इतना ही नहीं, पाकिस्तान सरकार के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर योग की तारीफ करना कट्टरपंथियों को खूब नागवार गुजरा। 'योग भगाए रोग' महज स्लोगन ही नहीं है, बल्कि योग से शरीर के साथ-साथ मन का भी उपचार होता है। लेकिन ऐसे कट्टरपंथियों का उपचार तब ही हो सकता है जब वे योग को धर्म से अलग करके देखने की कोशिश करें। सही मायने में योग स्वस्थ शरीर का सारथी है, जिससे विमुख होना जीवन रथ के पहिए थामने जैसा है।
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