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साँई कम्‍प्‍यूटर टायपिंग इंस्‍टीट्यूट गुलाबरा छिन्‍दवाड़ा म0प्र0 संचालक:- लकी श्रीवात्री मो0नां. 9098909565

created May 23rd 2022, 08:33 by Sai computer typing


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समान छूती महंगाई के बीच पेट्रोल-डीजल पर उत्‍पाद शुल्‍क में कटौती कर केंद्र सरकार ने देश की जनता को बड़ी राहत दी हे। मुद्रास्‍फीति की बढ़ती दर ने तमाम दुनिया को चिंता में डाल रखा है। ऐसे में ईंधन की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए केंद्र का यह फैसला कम महत्‍वपूर्ण नहीं है। इसके दूरगामी परिणाम होंगे। त्‍वरित परिणाम तो सामने आने भी लगे हैं। उत्‍पाद शुल्‍क में कटौती के केंद्र के कदम का अनुसरण करते हुए दो राज्‍यों केरल और राजस्‍थान ने पेट्रोल-डीजल पर वैट घटाने की घोषण कर दी है। यानी इन राज्‍यों की जनता को ईंधन की कीमतों पर दोहरी राहत मिली है। वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने उत्‍पाद शुल्‍क में कटौती की घोषणा के बाद राज्‍यों से अपील की कि वे भी वैट घटाकर जनता को राहत दें। राज्‍यों के लिए वैट संवेदनशील मुद्दा है। इस पर राजनीति भी खूब होती रही है। कुछ अर्सा पहले मुख्‍यमंत्रियों के सम्‍मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्‍यों को पेट्रोल-डीजल पर वैट घटाने की सलाह दी थी, जब भी राजनीति गरमाई थी। कुछ राज्‍यों ने वैट घटाने के बजाय केंद्र से उत्‍पाद शुल्‍क घटाने की मांग उठाई थी। केंद्र ने अब उत्‍पाद शुल्‍क घटाकर गेंद उनके पाले में डाल दी है।  
दरअसल, पिछले साल नवंबर में जब केंद्र ने पेट्रोल-डीजल पर उत्‍पाद शुल्‍क घटाया था, तब कुछ राज्‍यों ने अपनी वित्तीय हालत का हवाला देकर वैट घटनाने में असमर्थता जताई थी। इसीलिए इस बार  वित्त मंत्री को कहना पड़ा कि नवंबर 2021 में वैट नहीं घटनो वाले राज्‍यों को भी इस मुद्दे पर गंभीरता के साथ विचार करना चाहिए। महंगाई के गणित में ईंधन की कीमतों की बड़ी भूमिका है। ईंधन की कीमतें बढ़नें से ढुलाई महंगी हो जाती है, उत्‍पादन लागत पर सीधे असर पड़ता है। उपभोक्ता तक पहुंचते-पहुंते चीजों के दाम कई गुना बढ़ जाते हैं  
महंगाई ईंधन की कीमतों के कारण शहरों के मुकाबले ग्रामीण इलाकों में महंगाई ज्‍यादा तेजी से बढ़ी है, क्‍योंकि वहां पानी के पंप, ट्रैक्‍टर, आदि के लिए डीजल पर निर्भरता ज्‍यादा है। महंगे डीजल से कृषि उत्‍पादों की लागत भी बढ़ी है। ढुलाई के अलावा अनाज सब्जियों की कीमतें बढ़ने का यह भी एक कारण है। ग्रामीण इलाकों को सस्‍ता डीजल मुहैया कराना सभी राज्‍यों की प्राथमिकता होनी चाहिए। ईंधन की कीमतों को नीचे लाना इसलिए भी जरूरी है कि कोरोना काल में कई लोग रोजगार गंवा चुके हैं। केंद्र के  मुताबिक, देश के 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन मुहैया कराया जा रहा है। जाहिर है, इस आबादी के पास रोजगार के पर्याप्‍त साधन नहीं हैं। ऐसे में महंगाई पर अंकुश की किसी भी कोशिश में 'किंतु-परन्‍तु' की गुुंजाइश नहींं होनी चाहिए।    

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